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Showing posts from April, 2021

कौन से 10 ऐसे पौधे हैं जिन्हें घर में लगाना चाहिए ?By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबमेरे ख़याल से घर के बगीचे में खुशबूदार फूल के पौधे, औषधीय पौधे और वायु शुद्ध करने वाले पौधों का मिश्रण होना आवश्यक है। जिससे घर में स्वस्थ , खूशबूदार और सकारात्मक वातावरण बनाने में मदद मिलेगी।नीचे दिए गये दस पौधों में से शमी और रबर प्लांट को छोड़ कर सभी पौधे मेरे घर की शोभा बढ़ाने में योगदान दे रहे हैं।क्रिसमस कैक्टसइस पौधे को घर के अंदर रख सकते हैं। ये पौधा रात में भी ऑक्सीजन छोड़ता है।तुलसी का पौधाऔषधीय गुण होने के साथ हीं तुलसी का पौधा रात में भी ऑक्सीजन देता है।एलोवेराइसे घृतकुमारी भी कहते हैं। इसके जैल का प्रयोग सौन्दर्य प्रसाधन बनाने और औषधि के रूप में किया जाता है। ये पौधा भी दिन -रात ऑक्सीजन छोड़ता है।रबर प्लांटये पौधा थोड़ी सी धूप में भी जीवित रह सकता है। यह लकड़ी के फर्नीचर से निकलने वाले हानिकारक ऑर्गैनिक कम्पाउण्ड फॉरमेल्डिहाइड को सोना लेता है। इस प्रकार घर के अंदर के वातावरण को प्रदूषण मुक्त रखता है। इसे लकड़ी के फर्निचर के आस-पास रखना चाहिए।मनी प्लांटमनी प्लांट को धन समृद्धि लाने वाला माना दाता है। इस प्लांट को घर के अंदर याहा बाहर लगाया था सकता है। मनीष प्लांट के आस-पास के वातावरण में आक्सीजन की मात्रा अधिक रहती है। ये वायु में मौजूद कार्बनडाईआक्साइड को आक्सीजन में बदल कर वातावरण को शुद्ध करने के साथ हीं सकारात्मक उर्जा का प्रवाह बनाए रखने में सहायक होता है।मनीप्लांट को आग्नेय कोण( दक्षिण-पूर्व दिशा) में लगाना चाहिए। इस दिशा के देवता गणेशजी हैं, जबकि प्रतिनि‍धि शुक्र हैं। गणेशजी अमंगल का नाश करने वाले हैं और शुक्र सुख-समृद्धि का कारक है। क्योंकि बेल और लता का कारण शुक्र ग्रह को माना जाता है। इसलिए मनीप्लांट को आग्नेय दिशा में लगाना उचित माना जाता है।शमी का पेड़आयुर्वेद में शमी के फूल, पत्तियों और तने की छाल का प्रयोग औषधि के रूप में किया जाता है। विजयदशमी के दिन शमी के पेड़ की पूजा करने की मान्यता है। इतना सीन नहीं इस पेड़ को घर में लगाने शनिदेव की कृपा बनी रहती है। शमी के पेड़ को घर के ईशान कोण (पूर्व-उत्तर दिशा) में लगाना शुभ फलदायक होता है।अजवाइन का पौधाइस पौधे की पत्तियों को खाने से साँस की बदबू दूर होती है इसकी पत्तियों में एंटी-इन्फ्लेमेटरी, एन्टीआक्सीडेंट एवं एन्टीवायरल गुण होने के कारण सर्दी-जुखाम, पेट दर्द,अस्थमा आदि अनेक बिमारियों में औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है।अजवाइन की पत्तियों का काढ़ा या कच्चा चबाकर खाने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ती है।अजवाईन के पौधे को बहुत कम पानी की आवश्यकता होती है।ये पौधा बिना पानी के तीन महिने तक हरा रह सकता है। ये पौधा शो प्लांट के रूप घर की शोबा बढ़ाने का काम भी करता है।मीठी नीम का पौधामीठी नीम को करी पत्ता भी कहते हैं। इसके औषधीय गुण स्वास्थ्य, सौन्दर्य लाभ प्रदान करने के साथ हीं भोजन को स्वादिष्ट और सुगंधित बनाने में भी सहायक होते हैं।गिलोय की बेलइस औषधीय पौधे की पत्तियों, तने का प्रयोग अनेक रोगो के उपचार में किया जाता है। गिलोय का काढ़ा या पाउडर का प्रयोग आयुर्वेद में बुखार के उपचार के लिए विशेष रूप से किया जाता है। गिलोय का काढ़ा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में बहुत कारगर होती है।इसके बेल/लताएँ आपके बगीचे की शोबा बढ़ाने के साथ हीं स्वास्थ्य रक्षा के काम भी आएँगी।पोय की बेलपोय की पत्तियों की सब्जी एवं पकौड़ी बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसकी पत्तियाँ बहुमूल्य औषधीय गुणों से भरपूर होती हैं। इसके विषय में कहावत है —" थाली में पोय, रोग दूर होए।"बाल वनिता महिला आश्रमपोत की पत्तियों का प्रयोग पेचिश, दस्त, मुँह के अल्सर, सर्दी-जुकाम, खाँसी, शरीर में पानी भर जाना (फ्लुइड रिटेंशन), यौन दुर्बलता, इन्फेर्टिलिटी आदि अनेक रोगों के उपचार में किया जाता है।

कौन से 10 ऐसे पौधे हैं जिन्हें घर में लगाना चाहिए ? By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब मेरे ख़याल से घर के बगीचे में खुशबूदार फूल के पौधे, औषधीय पौधे और वायु शुद्ध करने वाले पौधों का मिश्रण होना आवश्यक है। जिससे घर में स्वस्थ , खूशबूदार और सकारात्मक वातावरण बनाने में मदद मिलेगी। नीचे दिए गये दस पौधों में से शमी और रबर प्लांट को छोड़ कर सभी पौधे मेरे घर की शोभा बढ़ाने में योगदान दे रहे हैं। क्रिसमस कैक्टस इस पौधे को घर के अंदर रख सकते हैं। ये पौधा रात में भी ऑक्सीजन छोड़ता है। तुलसी का पौधा औषधीय गुण होने के साथ हीं तुलसी का पौधा रात में भी ऑक्सीजन देता है। एलोवेरा इसे घृतकुमारी भी कहते हैं। इसके जैल का प्रयोग सौन्दर्य प्रसाधन बनाने और औषधि के रूप में किया जाता है। ये पौधा भी दिन -रात ऑक्सीजन छोड़ता है। रबर प्लांट ये पौधा थोड़ी सी धूप में भी जीवित रह सकता है। यह लकड़ी के फर्नीचर से निकलने वाले हानिकारक ऑर्गैनिक कम्पाउण्ड फॉरमेल्डिहाइड को सोना लेता है। इस प्रकार घर के अंदर के वातावरण को प्रदूषण मुक्त रखता है। इसे लकड़ी के फर्निचर के आस-पास रखना चाहिए। मनी प्लांट मनी प्लांट को धन समृद्धि ला

पंजाब, जेएनएन। कोरोना काल में काढ़ा का अत्यधिक प्रयोग पाचनशक्ति को खराब करने लगा और लोग कोविड के दूसरे लहर में इस आयुर्वेदिक युक्ति से अब पीछा छुड़ाते दिख रहे हैं। By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब वहीं आम आदमी से लेकर समस्त बुद्धिजीवियों में भी यही भ्रांति अभी तक चली आ रही थी कि कोरोना से निबटने में आयुर्वेद की सीमाएं महज काढ़ा तक ही हैं, जबकि आयुर्वेदीय चिकित्सा शास्त्र में कोविड बीमारी में लक्षण के अनुसार इलाज करने की प्रबल संभावनाएं हैं। बीएचयू में रसशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो. आनंद चौधरी ने बताया कि आयुर्वेद में आयुष काढ़ा' ही नहीं बल्कि विभिन्न रस औषधियां भी कोविड-19 के इलाज में कारगर हैं।आयुर्वेदीय रस शास्त्र की विधा में अनेक रस रसायन सुखद परिणाम के साथ विकसित किए गए हैं, जो कि इस महामारी से स्वयं को बचाने में काफी अचूक दवाएं हैं।इन औषधियों में स्वर्ण भस्म का योग स्वर्ण मालिनी बसंत, अभ्रक भस्म, प्रवाल भस्म के योग , त्रैलोक्य चिंतामणी रस , जय मंगल रस , त्रिभुवन कीर्ति रस, लक्ष्मी विलास रस आदि प्रमुख हैं। ये सारी दवाइयां श्वांस, बुखार, कफ को दूर करने के साथ ही पाचन और दीपन की क्रियाओं को बढ़ाती है। उन्होंने बताया कि ये औषधियां ऑनलाइन और ऑफलाइन मेडिकल दुकानों पर उपलब्ध रहती हैं। ये सभी रस शास्त्रीय चिकित्सकीय ग्रंथो में काफी विस्तारपूर्वक वर्णित हैं।दरअसल, भारत अनेक प्रतिष्ठित आयुर्वेदिक चिकित्सक इन वर्णित रस-रसायनों के माध्यम से महामारी की लाक्षणिक चिकित्सा कर रोगियों को स्वस्थ करने में सफल भी हो रहे हैं। यही नहीं एलोपैथ भी इस महामारी की लाक्षणिक चिकित्सा ही कर रही है। वहीं, दुनिया के किसी भी शोध संस्थान द्वारा इस महामारी की शत-प्रतिशत प्रभावी औषधि अब तक विकसित नहीं की जा सकी है। प्रोफेसर चौधरी के अनुसार इन रस औषधियों जैसे कि स्वर्ण, अभ्रक, माक्षिक भस्म के ऊपर निरतंर शोध पत्र प्रकाशित होते रहे हैं, जो कि इनकी व्याधि हरण की क्षमता, त्वरित लाभ, स्वास्थ्य सुरक्षा के मानकों पर खरी उतरी है। वहीं इन रस-रसायनों को खरीदते समय कंपनी की प्रमाणिकता को अवश्य परखे।

पंजाब, जेएनएन। कोरोना काल में काढ़ा का अत्यधिक प्रयोग पाचनशक्ति को खराब करने लगा और लोग कोविड के दूसरे लहर में इस आयुर्वेदिक युक्ति से अब पीछा छुड़ाते दिख रहे हैं।  By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब  वहीं आम आदमी से लेकर समस्त बुद्धिजीवियों में भी यही भ्रांति अभी तक चली आ रही थी कि कोरोना से निबटने में आयुर्वेद की सीमाएं महज काढ़ा तक ही हैं, जबकि आयुर्वेदीय चिकित्सा शास्त्र में कोविड बीमारी में लक्षण के अनुसार इलाज करने की प्रबल संभावनाएं हैं।  बीएचयू में रसशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो. आनंद चौधरी ने बताया कि आयुर्वेद में आयुष काढ़ा' ही नहीं बल्कि विभिन्न रस औषधियां भी कोविड-19 के इलाज में कारगर हैं। आयुर्वेदीय रस शास्त्र की विधा में अनेक रस रसायन सुखद परिणाम के साथ विकसित किए गए हैं, जो कि इस महामारी से स्वयं को बचाने में काफी अचूक दवाएं हैं।इन औषधियों में स्वर्ण भस्म का योग स्वर्ण मालिनी बसंत, अभ्रक भस्म, प्रवाल भस्म के योग , त्रैलोक्य चिंतामणी रस , जय मंगल रस , त्रिभुवन कीर्ति रस, लक्ष्मी विलास रस आदि प्रमुख हैं। ये सारी दवाइयां श्वांस, बुखार, कफ को दूर करने के साथ ही पा

Advantages and disadvantages of camphorBy social worker Vanita Kasani Punjab4Camphor is a naturally occurring chemical compound derived from the bark of camphor tree. Popular turpentine (plants for its smell

कपूर के फायदे और नुकसान By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब कपूर के पेड़ की छाल से प्राप्त होने वाला कपूर प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला एक रासायनिक यौगिक है। अपनी महक के लिए लोकप्रिय टरपीन (पौधों में विस्‍तृत रूप से पाए जाने वाला तत्‍व) से कपूर की गोलियां तैयार की जाती हैं। प्रकृति में, ये टरपीन पौधों की प्राकृतिक रक्षा प्रणाली का महत्वपूर्ण अंग होते हैं। टरपीन को खाया नहीं जा सकता है लेकिन इसके इस्‍तेमाल से कई तरह के फायदे मिलते हैं। पारंपरिक और पश्चिमी औषधि प्रणाली में कपूर को औषधीय और स्वास्थ्यप्रद गुणों के लिए जाना जाता है। कफ जमने, दर्द और सूजन जैसी कई समस्‍याओं से राहत पाने में कपूर मदद करता है। यहां तक कि कुछ अध्‍ययनों में भी ये बात कही गई है कि त्‍वचा के जलने और फंगल इंफेक्‍शन को ठीक करने में कपूर असरकारी है। कपूर की उत्‍पत्ति भारत, चीन और जापान में हुई थी। इसकी अधिकतर खेती विश्‍व के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में की जाती है। इसे 'ग्लोबल इनवेसिव स्पीशीज डेटाबेस' में एक विषैले पौधे के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। कपूर एक सदाबहार पेड़ है जो 60 फीट की ऊंचाई तक बढ़ता है। इसका प

By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबदेश में कोरोना का खतरा तेजी से बढ़ रहा है. संक्रमित मरीजों के साथ-साथ मृतकों की तादाद में भी बड़ी वृद्धि देखी जा रही है. ऑक्सीजन से लेकर दवाओं तक की कमी बताई जा रही है. इस बीच भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने कोरोना महामारी में खुद की देखभाल के लिए कुछ आयुर्वेदिक तौर-तरीके बताए हैं जिनसे खुद को सुरक्षित रखा जा सकता है.आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी या एलोपैथी, इन सबमें शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर जोर दिया जाता है. शरीर अगर रोगों से लड़ने में सक्षम रहेगा तो कोई बीमारी नहीं होगी और हम निरोग रहेंगे. बीमार होने के बाद दवाएं लेने से ज्यादा अच्छा होता है कि उससे पहले ही हम शरीर को पुष्ट बनाएं और बीमारियों से बचे रहें.इसके लिए आयुर्वेद में खुद की देखभाल के तौर-तरीके बताए गए हैं जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.ये तौर-तरीके जटिल नहीं हैं और इसमें उपयुक्त होने वाली चीजें बेहद आसानी से उपलब्ध होने वाली हैं. यहां तक कि घर में ये चीजें मौजूद हैं जिनसे हम इम्युनिटी बढ़ाने में मदद ले सकते हैं. आइए इसके बारे में जानते हैं-बार-बार हल्का गरम पानी पीते रहेंभोजन में हल्दी, जीरा, धनिया, सौंठ और लहसुन का उपयोग करेंताजा आंवला का फल या आंवला से बने उत्पाद खाएंगुनगुने पानी में हल्दी और नमक मिलाकर गार्गल करेंभोजन वही खाएं जो ताजा बना हो और आसानी से पचने लायक होहर दिन कम से कम 30 मिनट तक योगासन, प्रणायाम और ध्यान करेंदिन में सोने से बचें और रात में कम से कम 7-8 घंटे तक सोएंइम्युनिटी बढ़ाने के आयुर्वेदिक तरीकेगुनगुने पानी के साथ खाली पेट 20 ग्राम च्यवनप्राश का सेवन करेंदिन में दो बार हल्दी दूध पीएं, 150 एमएल दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर दूध बनाएंगुडुची घन वटी 500 एमजी या अश्वगंधा 500 एमजी हर दिन दो बार लें. इसे भोजन के बाद गर्म पानी के साथ लेना हैरोज हर्बल चाय या काढ़ा पीएं. हर्बल चाय या काढ़ा में तुलसी, दालचीनी, अदरक, कालीमिर्च डालकर बनाएं. इसका टेस्ट बढ़ाने के लिए गुड़, मुनक्का और छोटी इलायची मिलाएंये तरीके भी अपना सकते हैं-सुबह-शाम नाक में तील का तेल या नारियल का तेल या गाय का घी या अणु तेल डालेंएक चम्मच तील का तेल या नारियल का तेल मुंह में डालें, इसे अंदर नहीं लेना है बल्कि 2-3 मिनट तक मुंह में इधर-उधर घुमाना है. इसके बाद इसे थूक दें और गर्म पानी से मुंह को अंदर से साफ कर लें. इसे दिन में दो बार किया जा सकता हैसूखी खांसी या गले में खराश में हो तो क्या करेंपानी का भाप लें, इसमें पुदिना, अजवाइन, कपूर मिलाकर भी दिन में एक बार भाप ले सकते हैंगले में खराश हो तो लवंग, मुलैठी का पाउडर शक्कर या शहद के साथ मिलाकर ले सकते हैंअगर ये लक्षण ज्यादा दिनों तक रहते हैं तो किसी चिकित्सक से परामर्श लें. (ऊपर बताए गए तरीके कोरोना के इलाज का दावा नहीं करते हैं. ये इम्युनिटी बढ़ा सकने वाले तरीके हैं)बाल वनिता महिला आश्रमकोरोना मरीजों के 'इलाज' में रामबाण है गिलोय, अश्वगंधा और मुलैठी, पढे़ं आयुष मंत्रालय ने क्या कहा

By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब देश में कोरोना का खतरा तेजी से बढ़ रहा है. संक्रमित मरीजों के साथ-साथ मृतकों की तादाद में भी बड़ी वृद्धि देखी जा रही है. ऑक्सीजन से लेकर दवाओं तक की कमी बताई जा रही है. इस बीच भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने कोरोना महामारी में खुद की देखभाल के लिए कुछ आयुर्वेदिक तौर-तरीके बताए हैं जिनसे खुद को सुरक्षित रखा जा सकता है. आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी या एलोपैथी, इन सबमें शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर जोर दिया जाता है. शरीर अगर रोगों से लड़ने में सक्षम रहेगा तो कोई बीमारी नहीं होगी और हम निरोग रहेंगे. बीमार होने के बाद दवाएं लेने से ज्यादा अच्छा होता है कि उससे पहले ही हम शरीर को पुष्ट बनाएं और बीमारियों से बचे रहें.इसके लिए आयुर्वेद में खुद की देखभाल के तौर-तरीके बताए गए हैं जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. ये तौर-तरीके जटिल नहीं हैं और इसमें उपयुक्त होने वाली चीजें बेहद आसानी से उपलब्ध होने वाली हैं. यहां तक कि घर में ये चीजें मौजूद हैं जिनसे हम इम्युनिटी बढ़ाने में मदद ले सकते हैं. आइए इसके बारे में जानते हैं- बार-बार हल्का

कोविड को लेकर खान-पान के नुस्ख़े कितने कारगर हैं, इनका कितना पालन करें? By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबकोरोना वायरस से पैदा हुई महामारी यानी कोविड-19 का प्रकोप किस दवा से ख़त्म होगा? इस सवाल का जवाब तलाशने के लिए दुनिया भर के शोधकर्ता मेहनत कर रहे हैं.अभी तक एक ही बात साफ़ है कि जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मज़बूत है उन पर कोविड-19 का हमला घातक नहीं होता. अब बाज़ार इसी बात को भुनाने में लग गया है. प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के अनेक उपाय मीडिया, सोशल मीडिया पर सुझाए जा रहे हैं.ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है. हर महामारी के समय में ऐसी बातें होती रहती हैं. 1918 में जब स्पेनिश फ्लू फैला था तब भी इसी तरह की बातें हुई थीं और आज 2021 में भी ऐसा ही देखने को मिल रहा है. हालांकि इन सौ वर्षों में मेडिकल साइंस के लिहाज़ से इंसान ने काफ़ी तरक़्क़ी कर ली है.हाल में इन दिनों एक अफ़वाह सोशल मीडिया पर ख़ूब वायरल है. कहा जा रहा है कि ज़्यादा से ज़्यादा हस्तमैथुन से ब्लड सेल बढ़ते हैं. साथ ही ऐसे फल खाने की सलाह दी जा रही है जिनमें विटामिन-सी और एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में हो. बहुत से लोग तो प्रो-बायोटिक्स लेने की सलाह भी दे रहे हैं. कोई कह रहा है कि ग्रीन-टी और लाल मिर्च से कोविड-19 के कमज़ोर किया जा सकता है.रिसर्च कहती है कि सुपर फ़ूड बाज़ार का फैलाया हुआ एक मिथक है. साइंस की रिसर्च में इस बात का कोई प्रमाण नहीं मिलता कि इनसे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. अमरीका की येल यूनिवर्सिटी की इम्युनोलॉजिस्ट अकीको इवासाकी का कहना है कि प्रतिरोधक क्षमता के तीन हिस्से होते हैं-त्वचा, श्वसन मार्ग और म्यूकस झिल्ली. ये तीनों हमारे शरीर में किसी भी संक्रमण रोकने में मददगार हैं. अगर कोई वायरस इन तीनों अवरोधकों को तोड़कर शरीर में घुस जाता है, तो फिर अंदर की कोशिकाएं तेज़ी से सतर्कता बढ़ाती हैं और वायरस से लड़ना शुरू कर देती हैं.हल्की खांसी, नज़ला, बुख़ार, सिरदर्द के लक्षण किसी वायरस की वजह से नहीं होते हैं. बल्कि ये हमारे शरीर की उस प्रतिरोधक क्षमता का हिस्सा होते हैं जो हमें जन्म से मिलती है. बलग़म के ज़रिए बैक्टीरिया को बाहर निकालने में मदद मिलती है. बुखार, शरीर में वायरस के पनपने से रोकने का माहौल बनाता है. ऐसे में अगर किसी के कहने पर प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली चीज़ों का सेवन कर भी लिया जाए, तो उसका असल में कोई फ़ायदा होने नहीं वाला है.अब सवाल ये है कि आख़िर कोविड-19 से बचा कैसे जाए. इसके लिए फ़िलहाल तो यही ज़रूरी है कि जितना हो सके सोशल डिस्टेंसिंग और साफ़ सफ़ाई का ध्यान रखिए. संतुलित आहार लीजिए. नियम से व्यायाम कीजिए. किसी वेलनेस एक्सपर्ट के बहकावे में आकर ख़ुद ही अपने डॉक्टर मत बनिए. परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लीजिए.

कोविड को लेकर खान-पान के नुस्ख़े कितने कारगर हैं, इनका कितना पालन करें? By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब कोरोना वायरस से पैदा हुई महामारी यानी कोविड-19 का प्रकोप किस दवा से ख़त्म होगा? इस सवाल का जवाब तलाशने के लिए दुनिया भर के शोधकर्ता मेहनत कर रहे हैं. अभी तक एक ही बात साफ़ है कि जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मज़बूत है उन पर कोविड-19 का हमला घातक नहीं होता. अब बाज़ार इसी बात को भुनाने में लग गया है. प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के अनेक उपाय मीडिया, सोशल मीडिया पर सुझाए जा रहे हैं. ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है. हर महामारी के समय में ऐसी बातें होती रहती हैं. 1918 में जब स्पेनिश फ्लू फैला था तब भी इसी तरह की बातें हुई थीं और आज 2021 में भी ऐसा ही देखने को मिल रहा है. हालांकि इन सौ वर्षों में मेडिकल साइंस के लिहाज़ से इंसान ने काफ़ी तरक़्क़ी कर ली है. हाल में इन दिनों एक अफ़वाह सोशल मीडिया पर ख़ूब वायरल है. कहा जा रहा है कि ज़्यादा से ज़्यादा हस्तमैथुन से ब्लड सेल बढ़ते हैं. साथ ही ऐसे फल खाने की सलाह दी जा रही है जिनमें विटामिन-सी और एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में हो. बहुत से

कोरोना अपडेट:पिछले 24 घंटो में हिमाचल में 28 लोगों की मौत, 1675 नए पॉजिटिव मामले By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबSpread the loveशिमला| पिछले 24 घंटो में हिमाचल प्रदेश में 28 और कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मौत हो गई। कांगड़ा जिले में सात, शिमला पांच, मंडी चार, सोलन में चार और ऊना में तीन संक्रमितों ने दम तोड़ दिया। इसके अलावा सिरमौर में दो, कुल्लू, हमीरपुर और किन्नौर में एक-एक संक्रमित की मौत हुई है। उधर, प्रदेश में 1675 और लोगों के कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। कांगड़ा जिले 409, मंडी 241, शिमला 172, बिलासपुर 161, हमीरपुर 202, सिरमौर 135, सोलन 125, चंबा 73, ऊना 61, कुल्लू 40, लाहौल-स्पीति 35 और किन्नौर में 21 नए मामले आए है। सचिव सामान्य प्रशासन विभाग और सचिवालय प्रशासन विभाग के कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट भी पॉजिटिव है। इसको देखते हुए सचिवालय में सचिवालय में कई अधिकारियों व कर्मचारियों के कोरोना टेस्ट लिए गए हैं, जिनकी रिपोर्ट आनी है। कहां कितने सक्रिय केसइसके साथ ही प्रदेश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 89193 पहुंच गया है। सक्रिय मामले अब 14326 हो गए हैं। अब तक 73478 संक्रमित ठीक हो चुके हैं और 1350 की मौत हुई है। बिलासपुर में कोरोना के सक्रिय केसों की संख्या 843, चंबा 352, हमीरपुर 1079, कांगड़ा 3336, किन्नौर 125, लाहौल-स्पीति 212, कुल्लू 535, मंडी 1341, शिमला 1581, सिरमौर 1380, सोलन 2523 और ऊना जिले में 1019 पहुंच गई है। 24 घंटों में 916 संक्रमित ठीक हुए हैं। इस दौरान कोरोना की जांच के लिए 9516 सैंपल लिए गए। डीडीयू कोविड सेंटर हुआ पैक, कोरिडोर में लगाए बेड दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में बने डेडिकेटिड कोविड केयर सेंटर में 102 से अधिक कोरोना संक्रमित दाखिल हो गए हैं। मरीजों की बढ़ती संख्या के चलते कॉरिडोर में अस्पताल प्रबंधन ने 25 बिस्तर और लगा दिए हैं। इसके अलावा सेंट्रल हीटिंग सिस्टम की व्यवस्था भी शुरू कर दी है। डीडीयू के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रविंद्र मोकटा ने इसकी पुष्टि की है। डीडीयू अस्पताल में लगातार मरीज उपचार के लिए अस्पताल आ रहे हैं। इसके चलते एक सप्ताह में ही 90 बिस्तरों वाला कोरोना वार्ड भर गया है। ऐसे में 25 बिस्तरों की संख्या बढ़ाकर 115 कर दी है। इससे रोगियों को किसी तरह की परेशानी पेश न आए। दूसरी ओर, कुछ मरीजों को यहां से आयुर्वेदिक अस्पताल छोटा शिमला शिफ्ट किया जाएगा। लोनिवि का नेरवा विश्राम गृह बना कोविड केयर सेंटर लोक निर्माण विभाग के नेरवा विश्राम गृह को कोविड केयर सेंटर बनाया गया है। डीसी आदित्य नेगी ने यह जानकारी दी। डीसी ने कहा कि जिले में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए उपचाराधीन रोगियों को बेहतर चिकित्सा और देखभाल की आवश्यकता है। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए कि नेरवा केयर सेंटर में एक चिकित्सा अधिकारी को नोडल अधिकारी के रूप में तैनात किया जाए। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे।

कोरोना अपडेट:पिछले 24 घंटो में हिमाचल में 28 लोगों की मौत, 1675 नए पॉजिटिव मामले By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब Spread the love शिमला| पिछले 24 घंटो में हिमाचल प्रदेश में 28 और कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मौत हो गई। कांगड़ा जिले में सात, शिमला पांच, मंडी चार, सोलन में चार और ऊना में तीन संक्रमितों ने दम तोड़ दिया। इसके अलावा सिरमौर में दो, कुल्लू, हमीरपुर और किन्नौर में एक-एक संक्रमित की मौत हुई है। उधर, प्रदेश में 1675 और लोगों के कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। कांगड़ा जिले 409, मंडी 241, शिमला 172, बिलासपुर 161, हमीरपुर 202, सिरमौर 135, सोलन 125, चंबा 73, ऊना 61, कुल्लू 40, लाहौल-स्पीति 35 और किन्नौर में 21 नए मामले आए है। सचिव सामान्य प्रशासन विभाग और सचिवालय प्रशासन विभाग के कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट भी पॉजिटिव है। इसको देखते हुए सचिवालय में सचिवालय में कई अधिकारियों व कर्मचारियों के कोरोना टेस्ट लिए गए हैं, जिनकी रिपोर्ट आनी है।  कहां कितने सक्रिय केस इसके साथ ही प्रदेश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 89193 पहुंच गया है। सक्रिय मामले अब 14326 हो गए हैं। अब तक 7347

By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबCOVID-19 Pandemic in India: इससे पहले भारत और अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच हुई बातचीत के बाद अमेरिका ने कोविशील्ड वैक्सीन की रॉ मैटेरियल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए उपलब्ध स्रोतों की पहचान कर मदद का भरोसा दिया था. साथ ही अमेरिकी रक्षा विभाग ने भारत-पाक जरूरी साजो सामान पहुंचाने के लिए अपने ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक तंत्र के इस्तेमाल का भी एलान किया है.नई दिल्ली: COVID-19 Pandemic in India: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच सोमवार शाम हुई फोन वार्ता में भारत व अमेरिका के मौजूदा कोरोना संकट तथा इससे निपटने के लिए आपसी सहयोग को लेकर बातचीत हुई. करीब आधे घंटे की इस बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि कोरोना टीकों के लिए कच्चे माल की आपूर्ति आबाध रहना चाहिए.करीब आधे घण्टे से अधिक समय तक चले इस फोन कॉल में दोनों नेताओं ने भारत में कोरोना की दूसरी लहर से निपटने के लिए चल रहे प्रयासों पर भी बात की. इसमें टीकाकरण, दवाओं और स्वास्थ्य उपकरणों की उपलब्धता बढ़ाने के प्रयास शामिल हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति बाइडन को अमेरिका से मिले सहयोग के लिए धन्यवाद दिया. वहीं दोनों नेताओं ने कोविड19 के खिलाफ आपसी वैक्सीन सहयोग बढ़ाने पर भी जोर दिया.इस फोन कॉल के बाद व्हाइट हाउस से जारी प्रेस बयान में कहा गया कि भारत में कोविड-19 मामलों से प्रभावित लोगों के साथ अमेरिका पूरी मजबूती के साथ खड़ा है. अमेरिका भारत को आपात सहायता के तौर पर ऑक्सीजन संबंधी उपकरण वैक्सीन सामग्री और दवाएं इत्यादि मुहैया करा रहा है.ध्यान रहे कि इससे पहले भारत और अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच हुई बातचीत के बाद अमेरिका ने कोविशील्ड वैक्सीन की रॉ मैटेरियल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए उपलब्ध स्रोतों की पहचान कर मदद का भरोसा दिया था. साथ ही अमेरिकी रक्षा विभाग ने भारत-पाक जरूरी साजो सामान पहुंचाने के लिए अपने ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक तंत्र के इस्तेमाल का भी एलान किया है.भारत और अमेरिका के नेताओं की फोन वार्ता के बाद जारी प्रेस विज्ञप्ति में भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा दोनों पक्षों ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए आपसी साझेदारी को अहम करार दिया. दोनों नेताओं ने अपने संबंधित अधिकारियों को आपस में तालमेल कर साझा प्रयास आगे बढ़ाने के भी निर्देश दिए. पीएम मोदी ने कोरोना रोकथाम के प्रयासों में दवाओं और चिकित्सा सामग्री की निरंतर आपूर्ति के साथ ही विश्व व्यापार संगठन के बौद्धिक सम्पदा सम्बन्धी ट्रिप्स प्रावधानों में भी रियायत का आग्रह किया ताकि टीकों की व्यापक उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके.महत्वपूर्ण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ फोन कॉल में भारतीय वैक्सीन निर्माताओं के लिए कच्चे माल की आपूर्ति का मामला. मगर इस आग्रह की अहमियत केवल भारत क़ई ज़रूरतों के लिहाज से ही नहीं है. बल्कि इसके महत्व का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि भारत में घरेलू मांग बढ़ने और अमेरिका की तरफ से कच्चे माल की आपूर्ति में लगाए गए नियंत्रण के परिणामस्वरूप टीकों की तंगी विश्व स्वास्थ्य संगठन को भी झेलनी पड़ी.विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी माना कि भारत के वैक्सीन निर्माताओं की आपूर्ति क्षमता प्रभावित होने का असर उसके कोवैक्स जैसे प्रोग्राम पर भी पड़ा है जिसमें गरीब व कमज़ोर मुल्कों को टीके मुहैया कराए जाते हैं. WHO ने कहा कि उसका कोवैक्स कार्यक्रम बीते कुछ हफ्तों के दौरान निर्धारित लक्ष्य से पीछे चल रहा है और वैक्सीन उपलब्धता की किल्लत से जूझ रहा है.

By  समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब COVID-19 Pandemic in India: इससे पहले भारत और अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच हुई बातचीत के बाद अमेरिका ने कोविशील्ड वैक्सीन की रॉ मैटेरियल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए उपलब्ध स्रोतों की पहचान कर मदद का भरोसा दिया था. साथ ही अमेरिकी रक्षा विभाग ने भारत-पाक जरूरी साजो सामान पहुंचाने के लिए अपने ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक तंत्र के इस्तेमाल का भी एलान किया है. नई दिल्ली: COVID-19 Pandemic in India: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच सोमवार शाम हुई फोन वार्ता में भारत व अमेरिका के मौजूदा कोरोना संकट तथा इससे निपटने के लिए आपसी सहयोग को लेकर बातचीत हुई. करीब आधे घंटे की इस बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि कोरोना टीकों के लिए कच्चे माल की आपूर्ति आबाध रहना चाहिए.करीब आधे घण्टे से अधिक समय तक चले इस फोन कॉल में दोनों नेताओं ने भारत में कोरोना की दूसरी लहर से निपटने के लिए चल रहे प्रयासों पर भी बात की. इसमें टीकाकरण, दवाओं और स्वास्थ्य उपकरणों की उपलब्धता बढ़ाने के प्रयास

What is Pythagoras Cup or "Greedy Cup"?By social worker Vanita Kasani PunjabPythagoras did not want his students to drink too much. That is why he created the "Greedy Cup" ie "Pythagoras Cup".4Pythag it

पाइथागोरस कप या "लालची कप" क्या है? By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब पाइथागोरस नहीं चाहते थे कि उनके छात्र ज्यादा पिएं। इसीलिए उन्होंने "लालची कप" यानी "पाइथागोरस कप" का निर्माण किया। इसे पाइथागोरस कप कहते है इसके अंदर यह अजीब-सा उभरा हुआ भाग होता है। पाइथागोरस ने खुद इस कप की रचना की थी। (वही पाइथागोरस जिन्होंने समकोण त्रिकोण का अध्ययन किया था) उन्होंने यह कप इसलिए बनाया ताकि उनके सभी छात्र नियंत्रित मात्रा में मद्यपान करें और बेकाबू छात्रों को अपने आप सजा मिल जाये। जैसे ही कोई लालची छात्र ज्यादा मदिरा लेने का प्रयास करता था तो यह कप एक बार में ही पूरा खाली हो जाता था। आइए जानते हैं कि ये कैसे काम करता है:- कप के अंदर एक पलटा हुआ यू-ट्यूब है (पलटी हुई आकर की नली / साइफन) जिसके नीचे एक छोटा छेद है कप के साथ ही यू-ट्यूब में भी पानी भरता जाता है और ऊपर पहुँचते ही, साइफन की क्रिया से सारा पानी बह जाता है। मदिरा का स्तर जब इस बीच वाली नली से ऊपर हो जाता है तब पूरी मदिरा कप के नीचे वाले छेद से बह जाती है। साइफन की क्रिया हम सब में से अधिकतर लोगों ने देखी ही होग

By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबइस समय दौरान सभी जिलों में 3.68 लाख कोरोना के नमूने लिए गए, जिनमें से 37,198 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई। राज्य की कुल पॉजिटिविटी दर 10.10 प्रतिशत रही। कोरोना कारण बुरी तरह प्रभावित हुए जिलों में से एस.ए.एस. नगर में एक हफ्ते दौरान चंडीगढ़: पंजाब में कोरोना महामारी ने इस समय भयानक रूप धारण कर लिया है और राज्य में कोरोना मरीज़ों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। पंजाब के 6 जिलों में कोरोना बीमारी की पॉजिटिविटी दर बहुत ज़्यादा है, जिसने स्वास्थय विभाग को चिंता में डाला हुआ है। पिछले एक हफ़्ते दौरान (18 -24 अप्रैल) एस. ए. एस. नगर, फिरोजपुर, बठिंडा, फाजिल्का, मानसा और मुक्तसर जिलें में 15 प्रतिशत से अधिक पॉजिटिविटी दर (टैस्ट किए नमूनों में से पुष्टि किए केस) दर्ज की गई है।कोरोना के 5,776 मामले दर्ज किए गए, जिनकी पॉजिटिविटी दर 21.99 प्रतिशत रही। इसके बाद फ़िरोज़पुर में 723 मामले दर्ज किए गए। फाजिल्का जो कि सबसे कम कोरोना मामलों वाले जिलों में से एक है, यहां की पॉजिटिविटी दर भी 16.21 प्रतिशत है। यह प्रतिशत महामारी के और ज़्यादा फैलने की तरफ इशारा कर रही है। पंजाब और अपने शहर की अन्य खबरें पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Hereअपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here

By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब इस समय दौरान सभी जिलों में 3.68 लाख कोरोना के नमूने लिए गए, जिनमें से 37,198 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई। राज्य की कुल पॉजिटिविटी दर 10.10 प्रतिशत रही। कोरोना कारण बुरी तरह प्रभावित हुए जिलों में से एस.ए.एस. नगर में एक हफ्ते दौरान  चंडीगढ़: पंजाब में कोरोना महामारी ने इस समय भयानक रूप धारण कर लिया है और राज्य में कोरोना मरीज़ों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। पंजाब के 6 जिलों में कोरोना बीमारी की पॉजिटिविटी दर बहुत ज़्यादा है, जिसने स्वास्थय विभाग को चिंता में डाला हुआ है। पिछले एक हफ़्ते दौरान (18 -24 अप्रैल) एस. ए. एस. नगर, फिरोजपुर, बठिंडा, फाजिल्का, मानसा और मुक्तसर जिलें में 15 प्रतिशत से अधिक पॉजिटिविटी दर (टैस्ट किए नमूनों में से पुष्टि किए केस) दर्ज की गई है।कोरोना के 5,776 मामले दर्ज किए गए, जिनकी पॉजिटिविटी दर 21.99 प्रतिशत रही। इसके बाद फ़िरोज़पुर में 723 मामले दर्ज किए गए। फाजिल्का जो कि सबसे कम कोरोना मामलों वाले जिलों में से एक है, यहां की पॉजिटिविटी दर भी 16.21 प्रतिशत है। यह प्रतिशत महामारी के और ज़्यादा फैलने की तरफ इशारा कर रही है

*बिग ब्रेकिंग न्यूज़*by समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब*चंडीगढ़ (): पंजाब सरकार ने बढ़ते कोविड संकट के चलते कल यानी मंगलवार से पंजाब में सोमवार से शुक्रवार तक दुकानों का समय शाम 6 बजे तक किया।शनिवार और रविवार को रहेगा पूरा लॉकडाउन।*

*बिग ब्रेकिंग न्यूज़* by समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब *चंडीगढ़ (): पंजाब सरकार ने बढ़ते कोविड संकट के चलते कल यानी मंगलवार से पंजाब में सोमवार से शुक्रवार तक दुकानों का समय शाम 6 बजे तक किया।शनिवार और रविवार को रहेगा पूरा लॉकडाउन।*

COVID-19: साबुन या सैनिटाइजर, क्या है बेहतर?COVID-19: स्वास्थ्य अधिकारियों ने COVID-19 महामारी से संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए कई उपाय बताए हैं और इनमें से एक है, व्यक्तिगत स्वच्छता का महत्व. साबुन या अल्कोहल-आधारित सैनिटाइज़र से बार-बार हाथ धोना. क्या आप जानते हैं कि साबुन या हैंड सैनिटाइज़र में कौन बेहतर है?By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब Which one is better Soap or Sanitizer?Which one is better Soap or Sanitizer?COVID-19 के प्रसार को रोकने के लिए, WHO ने कई एहतियाती उपाय बताए हैं, जिनमें हाथों को बार-बार साफ करने के लिए कहा गया है. साबुन और पानी का उपयोग करें, या अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइज़र का. अब सवाल उठता है कि साबुन या सैनिटाइजर में क्या बेहतर है? आइये इस लेख के माध्यम से जानते हैं.बार-बार हाथ धोना क्यों ज़रूरी है?सबसे सरल तरीकों में से एक साबुन से हाथ धोना है जो वायरस को मारने में मदद करता है जिसके साथ आप संपर्क में आ सकते हैं. ऐसा कहा जाता है कि विभिन्न सतहों पर जो नियमित रूप से हम हाथों से स्पर्श करते हैं उनमें वायरस काफी लंबे समय तक रह सकते हैं. इसलिए बार-बार हाथ धोना महत्वपूर्ण है.Ads by Jagran.TVसबसे पहले, हम जानेंगे कि साबुन से हाथ धोने से कोरोना वायरस से छुटकारा कैसे मिलता है?हैंड ग्रिम (Hands grim) में कई वायरस और बैक्टीरिया होते हैं. साबुन से हाथ धोने से वायरस और बैक्टीरिया को पूरी तरह से हटाने में मदद मिलती है.पल्ली थोरार्डसन (Palli Thordarson), न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय में रसायन विज्ञान के स्कूल में एक प्रोफेसर आणविक रसायन विज्ञान के नियम के बारे में बताते हैं जो हमें इसको समझने में मदद करेगा.उन्होंने बताया कि वायरस तीन चीजों से बने होते हैं: न्यूक्लिक एसिड जीनोम जैसे डीएनए या आरएनए एक आनुवंशिक पदार्थ, प्रोटीन जो न्यूक्लिक एसिड के साथ फिट होता है और रेपलीकेट होता है होस्ट बॉडी में और लिपिड की एक फैटी बाहरी परत. इसलिए हम कह सकते हैं कि अधिकांश वायरस में तीन प्रमुख बिल्डिंग ब्लॉक्स होते हैं: आरएनए, प्रोटीन और लिपिड. यहां एक बात ध्यान देने वाली है कि ये इन तीनों के बीच में कनेक्शन मजबूत नहीं होता है क्योंकि इनमें कोई कोवालेंट बांड (covalent bond) नहीं होता है जो कि अधिक स्थिर संरचना प्रदान करता है.एक वेल्क्रो (Velcro) की तरह वे एक साथ काम करते हैं और इसलिए इनके वायरल कण को तोड़ना बहुत मुश्किल है. लेकिन साबुन इस कण को तोड़ सकता है और वायरस को घेरने वाली लिपिड परत को भंग करने में मदद करता है. यह वायरस के भीतर कमजोर बांड को भी तोड़ता है और इसलिए हाथ साफ हो जाते हैं.वनिता कासनियां पंजाब कोरोना वायरस का नाम ‘कोरोना’ ही क्यों रखा गया है?साबुन में क्या होता है?साबुन में वसा जैसे (fat-like) यौगिक होते हैं जिन्हें एम्फीफाइल्स (amphiphiles) कहा जाता है, जो लिपिड के समान होते हैं और वायरस की झिल्ली में पाए जाते हैं. जब साबुन इन वसायुक्त पदार्थों के संपर्क में आता है, तो यह उनके साथ जुड़ जाता है और उन्हें वायरस से अलग कर देता है. साथ ही वायरस को त्वचा से अलग करने के लिए मजबूर कर देता है.या हम कह सकते हैं कि साबुन फैटी एसिड के सोडियम या पोटेशियम लवण के मिश्रण होते हैं जो तेल या वसा से एक निश्चित तापमान पर क्षार के साथ पहुंचते हैं और इस प्रक्रिया को saponification के रूप में जाना जाता है.यही कारण है कि यह कम से कम 20 सेकंड के लिए हाथ धोने का सुझाव दिया जाता है क्योंकि वायरस किसी भी माइनसक्यूल क्रिंकल से चिपक सकता है और 20 सेकंड धोने से निकल जाता है.अब हम sanitizer के बारे में अध्ययन करते हैं.सैनिटाइज़र भी प्रभावी होते हैं परन्तु अल्कोहल-आधारित. 60 से 80% अल्कोहल युक्त सैनिटाइज़र को हाथों से वायरस को हटाने के लिए इस्तेमाल करने का सुझाव दिया जाता है. यह भी कहा जाता है कि सैनिटाइज़र में मौजूद अल्कोहल लिपिड के आवरण को घोल देता है और वायरस को निष्क्रिय कर देता है. प्रभावी होने के लिए, सैनिटाइज़र में कम से कम 60% अल्कोहल होना चाहिए. वहीं साबुन का झाग हाथों के पूरे हिस्सों को कवर कर देता है जबकि सैनिटाइज़र का उपयोग करते हुए अल्कोहल हाथों के सभी हिस्सों के संपर्क में नहीं आ पाता है अगर पूरे हाथों में अच्छे से ना लगाया गया हो. इसलिए सैनिटाइज़र को इस्तेमाल करते वक्त हाथों के पूरे हिस्से को सैनिटाइज़र से कवर करने का उचित उपयोग महत्वपूर्ण बताया गया है.साबुन और सैनिटाइज़र: तुलना- हैंड सैनिटाइज़र आसानी से पर्स, जेब इत्यादि में ले जाया जा सकता है. वास्तव में, जब पानी और साबुन तुरंत उपलब्ध नहीं होते हैं, तो हैंड सेनिटाइज़र कीटाणुओं से निपटने के लिए एक अच्छा विकल्प और सुविधाजनक विकल्प है.- यह भी कहा जाता है कि हैंड सैनिटाइज़र नोरोवायरस इत्यादि को छोड़कर कई प्रकार के वायरस के खिलाफ सक्रिय है, लेकिन एक परिपूर्ण रोगनिरोधी (prophylactic) नहीं हैं. कुछ स्टडीज में बताया गया है कि सैनिटाइज़र कुछ प्रकार के जीवाणुओं से रक्षा नहीं कर पाते हैं जबकि साबुन के मामले में ऐसा नहीं है.- हैंड सैनिटाइजर कभी-कभी हैंड सोप की तुलना में अधिक महंगा हो सकता है. अधिकांश डॉक्टरों के अनुसार "हैंड सैनिटाइज़र अधिक सुविधाजनक और अच्छे होते हैं, लेकिन अंत में साबुन और पानी ही बेहतर होते हैं".- CDC के अनुसार, अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइज़र कुछ स्थितियों में हाथों पर रोगाणुओं की संख्या को जल्दी से कम कर सकते हैं, लेकिन सभी प्रकार के कीटाणुओं को खत्म करने में सक्षम नहीं होते हैं.- कई अध्ययनों से पता चला है कि जब हाथ स्पष्ट रूप से गंदे या चिकने होते हैं तो हैंड सैनिटाइज़र उतना प्रभावी नहीं होता है.- कुछ अध्ययनों से ये भी पता चला है कि कीटनाशकों और हाथों में मौजूद भारी धातुओं जैसे हानिकारक रसायनों को हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करके हटाया नहीं जा सकता है.- यदि साबुन और पानी उपलब्ध नहीं है, तो कम से कम 60% अल्कोहल वाले सैनिटाइज़र का उपयोग करने की सलाह दी जाती है. यहां तक कि अध्ययनों से पता चला है कि 60-95% के बीच अल्कोहल आधारित सैनिटाइज़र कीटाणुओं को मारने में ज्यादा प्रभावी होते हैं अल्कोहल या गैर-अल्कोहल आधारित सैनिटाइज़र की तुलना में.- CDC के अनुसार हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग हाथों की सतहों पर अच्छे से करना चाहिए और इसे तब तक रगड़ें जब तक कि हाथ सूख नहीं जाता है, जबकि साबुन के झाग हाथ के पूरे हिस्सों में आसानी से फैल जाते हैं.- कुछ अध्ययनों के अनुसार कई बार अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइज़र के इस्तेमाल करने से अल्कोहल पॉइज़निंग हो सकती है. इथेनॉल आधारित हैंड सैनिटाइज़र सुरक्षित हैं जब निर्देशित रूप में उपयोग किये जाए, लेकिन विषाक्तता का कारण बन सकता है अगर एक से अधिक कौर निगल लिया जाए. लेकिन साबुन के मामले में ऐसा नहीं है.इसलिए, हम कह सकते हैं कि COVID-19 से लड़ने के लिए व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें और बताए गए उपायों को इस्तेमाल करते रहे. WHO के अनुसार, जब हाथ गंदे दिखे तो साबुन और बहते पानी से धोएं. यदि आपके हाथ स्पष्ट रूप से गंदे नहीं हैं, तो अक्सर अल्कोहल-आधारित हैंड रब या साबुन और पानी का उपयोग करके उन्हें साफ करें.बाल वनिता महिला आश्रमवनिता कासनियां पंजाब एपीडेमिक डिजीज एक्ट 1897 क्या है और यह कोरोना वायरस को कैसे रोकेगा?

COVID-19: साबुन या सैनिटाइजर, क्या है बेहतर? COVID-19: स्वास्थ्य अधिकारियों ने COVID-19 महामारी से संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए कई उपाय बताए हैं और इनमें से एक है, व्यक्तिगत स्वच्छता का महत्व. साबुन या अल्कोहल-आधारित सैनिटाइज़र से बार-बार हाथ धोना. क्या आप जानते हैं कि साबुन या हैंड सैनिटाइज़र में कौन बेहतर है? By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब Which one is better Soap or Sanitizer? COVID-19 के प्रसार को रोकने के लिए,  WHO  ने कई एहतियाती उपाय बताए हैं, जिनमें हाथों को बार-बार साफ करने के लिए कहा गया है. साबुन और पानी का उपयोग करें, या अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइज़र का. अब सवाल उठता है कि साबुन या सैनिटाइजर में क्या बेहतर है? आइये इस लेख के माध्यम से जानते हैं. बार-बार हाथ धोना क्यों ज़रूरी है ? सबसे सरल तरीकों में से एक साबुन से हाथ धोना है जो वायरस को मारने में मदद करता है जिसके साथ आप संपर्क में आ सकते हैं. ऐसा कहा जाता है कि विभिन्न सतहों पर जो नियमित रूप से हम हाथों से स्पर्श करते हैं उनमें वायरस काफी लंबे समय तक रह सकते हैं. इसलिए बार-बार हाथ धोना महत्वपूर्ण है. Ads by Jagra

Covid-19: इस बार युवाओं पर भारी पड़ रहा वायरस; जानिए क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब डॉक्टरों और वैज्ञानिकों का शोध जारी है. दुनियाभर की कोरोना वायरस (Coronavirus) स्टडी में जिनोम सिक्वेंसिंग समेत कई जांचों का अहम योगदान है. नए लक्षण युवाओं में ज्यादा देखने को मिल रहे हैं दिल्ली सीएम कह चुके हैं कि राजधानी में आधे से ज्यादा नए कोरोना मरीज युवा हैं.नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण की बेकाबू रफ्तार के साथ कोरोना के लक्षणों में फिर बदलाव के संकेत मिले हैं. इस बार का कोरोना संक्रमण बुजुर्गों से ज्यादा युवाओं को अपना शिकार बना रहा है. इस बार कुछ ऐसे भी मरीज सामने आए हैं जिसको बुखार और सर्दी जुकाम नहीं था इसके बावजूद वो कोविड-19 (Covid-19) से संक्रमित पाए गए हैं. युवाओं पर बढ़ा खतरा?इस पूरे प्रकरण पर डॉक्टरों और वैज्ञानिकों का शोध जारी है. दुनियाभर की कोरोना स्टडी में जिनोम सिक्वेंसिंग समेत कई जांचों का अहम योगदान है. इस बीच युवाओं पर बढ़े खतरे को लेकर जेनेस्ट्रिंग्स डायग्नोस्टिक सेंटर की फाउंडर डॉयरेक्टर डॉ गौरी अग्रवाल ने कहा, 'बुजुर्गों की तुलना में युवा ज्यादा संक्रमित मिल रहे हैं. इस बार सेकेंड वेव के लक्षण अलग हैं. Advertisingये भी पढ़ें- Corona: Vnita punjab Maharashtra में नहीं दिख रहा 'Lockdown' का असर, 68,631 नए मामले; हर घंटे 20 लोगों की हो रही मौतइस बार बुखार की शिकायत कम!डॉक्टर गौरी के इस बार का कोरोना म्यूटेशन ज्यादा रहस्यमयी है. कई मामलों में आरटी-पीसीआर रिपोर्ट भी कोरोना वायरस को नहीं पकड़ पाई और जरूरत पड़ने पर सीटी स्कैन से कोरोना होने का खुलासा हुआ. यानी इस बार सभी मरीज को बुखार होने की शिकायत नहीं है.टेस्टिंग के लिए जागरूकता बढ़ीडॉ. गौरी ने कहा कि फिलहाल कोरोना वायरस के लिए टेस्टिंग बढ़ गई है, घर से सैंपल लेने के लिए बहुत कॉल आ रही है जिससे वर्क लोड तेजी से बढ़ा है. इंफ्रास्ट्रक्चर और मशीनों की कोई समस्या नहीं, दिक्कत 24 घंटे के भीतर आईसीएमआर एंट्री करने को लेकर हैं. गौरतलब है कि लगातार कहा जा रहा है कि दिल्ली समेत कई राज्यों में आधे से ज्यादा नए मरीज 45 साल के कम आयु वर्ग के हैं.

  By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब   डॉक्टरों और वैज्ञानिकों का शोध जारी है. दुनियाभर की कोरोना वायरस (Coronavirus) स्टडी में जिनोम सिक्वेंसिंग समेत कई जांचों का अहम योगदान है. नए लक्षण युवाओं में ज्यादा देखने को मिल रहे हैं दिल्ली सीएम कह चुके हैं कि राजधानी में आधे से ज्यादा नए कोरोना मरीज युवा हैं. नई दिल्ली:  देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण की बेकाबू रफ्तार के साथ कोरोना के लक्षणों में फिर बदलाव के संकेत मिले हैं. इस बार का कोरोना संक्रमण बुजुर्गों से ज्यादा युवाओं को अपना शिकार बना रहा है. इस बार कुछ ऐसे भी मरीज सामने आए हैं जिसको बुखार और सर्दी जुकाम नहीं था इसके बावजूद वो कोविड-19 (Covid-19) से संक्रमित पाए गए हैं.  युवाओं पर बढ़ा खतरा? इस पूरे प्रकरण पर डॉक्टरों और वैज्ञानिकों का शोध जारी है. दुनियाभर की कोरोना स्टडी में जिनोम सिक्वेंसिंग समेत कई जांचों का अहम योगदान है. इस बीच युवाओं पर बढ़े खतरे को लेकर जेनेस्ट्रिंग्स डायग्नोस्टिक सेंटर की फाउंडर डॉयरेक्टर डॉ गौरी अग्रवाल ने कहा, 'बुजुर्गों की तुलना में युवा ज्यादा संक्रमित मिल रहे हैं. इस बार सेकेंड वेव के लक्

ऑक्सीजन का स्तर (लेवल) 80-85 हो गया था। चिकित्सकीय सलाह के अनुसार अस्पताल में भर्ती करना जरुरी था। लेकिन घरेलू उपाय के जानकार ने कपूर का एक टुकड़ा और एक चम्मच अजवायन को रूमाल में बांधकर 10 से 12 बार लंबी गहरी सूंघवाने की कोशिश करवाई। हर दो घँटे इसे शुरू करने से 24 घंटे के भीतर, ऑक्सीजन का स्तर 98-99 तक चला गया और हॉस्पिटल जानेकी झन्झट से बच गए। उनके एक दोस्त को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उन्होंने यह प्रयोग उस पर भी किया से भी अच्छा परिणाम मिला और उन्हें अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई। यह जानकारी समाज के लिये बनाई गई है ताकि सभी लोगों से अनुरोध है कि इस वर्ष पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का प्रकोप है, इसलिए आयुर्वेद इस बीमारी से बचने का एकमात्र तरीका है।By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब कपूर- 2-3 टिकिया अजवाइन-1 चाय चम्मच लवंग 5 नग *👉इन सभी चीजों को मिलाएं, उन्हें एक सूती कपड़े की पोटली में बाँधें और अपनी जेब में रखें और दिन भर उसे सूँघते रहें।* *🙏🏻कृपया इस जानकारी को पूरे भारत में फैलाएं ताकि हर भारतीय कोरोनवायरस से संक्रमित न हो।*

ऑक्सीजन का स्तर (लेवल) 80-85 हो गया था। चिकित्सकीय सलाह के अनुसार अस्पताल में भर्ती करना जरुरी था। लेकिन घरेलू उपाय के जानकार ने कपूर का एक टुकड़ा और एक चम्मच अजवायन को रूमाल में बांधकर 10 से 12 बार लंबी गहरी सूंघवाने की कोशिश करवाई। हर दो घँटे इसे शुरू करने से 24 घंटे के भीतर, ऑक्सीजन का स्तर 98-99 तक चला गया और हॉस्पिटल जानेकी झन्झट से बच गए। उनके एक दोस्त को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उन्होंने यह प्रयोग उस पर भी किया से भी अच्छा परिणाम मिला और उन्हें अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई। यह जानकारी समाज के लिये बनाई गई है ताकि  सभी लोगों से अनुरोध है कि इस वर्ष पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का प्रकोप है, इसलिए आयुर्वेद इस बीमारी से बचने का एकमात्र तरीका है। By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब  कपूर- 2-3 टिकिया  अजवाइन-1 चाय चम्मच  लवंग 5 नग  *👉इन सभी चीजों को मिलाएं, उन्हें एक सूती कपड़े की पोटली में बाँधें और अपनी जेब में रखें और दिन भर उसे सूँघते रहें।*  *🙏🏻कृपया इस जानकारी को पूरे भारत में फैलाएं ताकि हर भारतीय कोरोनवायरस से संक्रमित न हो।

महाराष्ट्रातल्या कोणत्याही शहराची, खरंतर परिस्थिती पाहाता देशातल्या कोणत्याही शहराची सद्यस्थिती आहे. तुम्ही अहमदनगरचा तो व्हीडिओ पाहिला असेल जिथे एकाच चितेवर सहा जणांना अग्नी दिला. किंवा देशाच्या कोणत्यातरी नदीच्या किनारी जमिनीवरच मृतदेह ठेवून त्याभोवती लाकडं रचून पेटवलेलंही पाहिलं असेल, अगदी परवा समोर आलेला लखनऊच्या स्मशानातला अनेक मृतदेह जळतानाचा व्हीडिओही नजरेसमोरून गेला असेल. तसाच माझा एक अनुभव.By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबकोव्हिडने मरणाऱ्या लोकांचे आकडे रोज समोर येतात, थोडं हळहळून, चुकचुकून सोडून देतो आपण, कामाला लागतो. दुसऱ्या दिवशी परत आकडे येतात. तेच घडतं, तोपर्यंत जोपर्यंत ही काळाची चाहूल तुमच्या घरात लागत नाही.अचानक आकडे फक्त आकडे न राहाता आपल्या जगण्याची धावपळ बनते. काहीतरी शाप असावा माणसाला की आपला माणूस मरत नाही तोवर काही सिरीयसली घ्यावंसच वाटत नाही. तशीच गर्दी बाहेर वाढत असते.आभाळच फाटलं त्याला कुठे कुठे ठिगळं लावणार असं माझी आजी म्हणायची.कोरोनाने मरणारा माणूस कसा मरतो माहितेय? श्वास कोंडून, की शेवटी त्याला जगण्यासाठी एक श्वास घेणं मुश्कील व्हावं. जो/जी गेले ते तर सुटतात, मागे राहिलेल्यांचं काय?जे कोरोनाने जातात ना त्यांचे जवळचे, रक्ताच्या नात्याचे सहसा त्याच आजाराने ग्रस्त असतात. काही तर हॉस्पिटलमध्येच असतात. आपल्या माणसाला शेवटचा निरोप द्यायलाही त्यांना येता येत नाही. मरण स्वस्त तर झालंच आहे, एकटंही झालंय.मी पाहिलंय स्मशानभूमीत. एकाशेजारी एक सहा-सात चिता जळत असतात आणि दर तिसऱ्या मिनीटाला एक बॉडी येत असते. माझ्या नात्यातली व्यक्ती गेली तेव्हा माझ्या शहरात कोरोनाने 40 मृत्यू झाले होते.सविस्तरच सांगायला हवं कसं होतं ते. तुमचं शहर मोठं असेल आणि तुम्ही शहरात दोन स्मशानभूमी असण्याइतके लकी (!) असाल तर एक स्मशानभूमी कोव्हिडसाठी राखीव असते. दिवसभरात गेलेल्या लोकांच्या बॉडी दुपारनंतर रिलीज व्हायला सुरूवात होते आणि आग धगधगायला लागते. शववाहिका येत असतात, चिता पेटत असतात. जो मेलाय त्याच्या जवळचं स्मशानभूमीत कोणीच नसतं. ते ऑलरेडी एकतर अॅडमिट असतात नाहीत क्वारंटाईन असतात. मेलेल्याला आग लावायला रक्ताचं नसतं कोणी.नवरा, बायको, संसार, मुलं कोणीच नसतात. माझ्या नातेवाईकाच्या बाबतीत असंच झालं. लांबची चार माणसं सोडून कोणीच नव्हतं. अग्नी कोणी दिला, कोणाच्या लक्षातही नाही. तरी जी माणसं आली त्यांचं कौतुक मानायला पाहिजे की ती आली तरी. नाहीतर महानगरपालिकेची माणसं कुठे जाळतात, कशी जाळतात पत्ता नाही लागत. त्यांना तरी का दोष द्यावा? संपत नाहीये मृत्यूचा खेळ. मेलेल्या माणसाला प्लास्टिकमध्ये गुंडाळलेलं असतं, घरी आणण्याचा प्रश्नच नसतो. थेट स्मशानात नेतात. जाळण्यासाठीही टोकन घ्यावं लागतं. काही ठिकाणी 24-36 तासांचा वेटिंग पीरियड आहे म्हणे. आमच्या माणसाला निदान स्मशानात आणल्या आणल्या आग नशिबी आली.हॉस्पिटलमध्ये माणूस गेला रे गेला की त्याला बेडवरून उतरवायची घाई सुरू होते. रडायला तरी कोणाला आणि किती वेळ असणार? रिकामा (!) झालेला बेड बाहेर जगण्या-मरण्याच्या अध्येमध्ये टांगलेल्या माणसाला द्यायचा असतो. Life should trump death.कमीत कमी ज्या जवळच्या माणसांना आपल्या माणसांचे अंतिम संस्कार करता येतात ते नशीबवान (!) म्हणायचे. खांदा द्यायचा नसतोच, पण निदान अग्नी द्यायला, शेवटचा निरोप द्यायला चार माणसं यावीत म्हणून प्रयत्नांची पराकाष्ठा करावी लागते. कोव्हिडने गेलेल्या माणसाचे अंतिम संस्कार करायला कोण परकी माणसं येणार? तरी काही येतात, घाबरत घाबरत का होईना कसेबसे सोपस्कार पार पडतात.एका पत्रकार मित्राने सांगितलेला किस्सा. त्याचे वडील गेले मागच्या वर्षी कोरोनाने, लहानशा गावात. खांदा द्यायला माणूस नव्हता. याने एकट्याने खांद्यावर बॉडी नेऊन चितेवर ठेवली, अग्नी दिला आणि चिता शांत व्हायची वाट पाहात बसला. एकटाच.आपला माणूस मरतो तेव्हा काय होतं माहितेय? कोणी नसतं तिथे... उद्या अस्थी गोळा करायला कोण येणार, पुन्हा ही रिस्क कोण घेणार म्हणून तू-तू-मी-मी चालत असते. पुढचे तुमच्या आठवणीत असतील एखाद्या चांगल्या माणसाच्या मयतीला आलेली शेकडो माणसं. इथे शेकडो माणसंच मृत्यूच्या दारात उभी असतात. ब्राझीलमधला एक फोटो पाहिला काही दिवसांपूर्वी. कोव्हिड वॉर्डमध्ये अॅडमिट असलेल्या पेशंटचा हात गरम पाणी भरलेल्या दोन रबरी ग्लोव्हमध्ये ठेवला आहे. माणसाचा स्पर्शच नाही तरी काहीतरी तरी जाणीव असावी म्हणून. इतका एकटेपणा असतो.हा मेल्यानंतरी पाठ सोडत नाही. जो मेलेल्यासाठी रडतोय त्याचीही पाठ हा एकटेपणा सोडत नाही. ना मेलेल्याला खांदा देता येतो, ना मांडी. ना त्यांच्या जाण्यावरून कोणाच्या गळ्यात पडून धाय मोकलून रडता येतं.बाल वनिता महिला आश्रमकोणी रडत तर खांद्यावर हात टाकून सांत्वन करायला कोणी पुढे येत नाही. फेसशिल्ड, मास्कमध्ये लपलेले चेहरे. दोन-दोन मास्क लावल्यामुळे जड झालेला श्वास आणि आगीच्या धगीमुळे लागलेल्या घामाच्या धारा यात अश्रू कुठे वाहून जातात काहीच कळत नाही. मुळात कोण कोणासाठी रडतंय, त्याहीपेक्षा गेलेल्या माणसासाठी रडायला इथे कोणी आहे तरी का हे कळायला जागा नसते.या एकटेपणाचं काय करावं?समोर जळणाऱ्या सहा-सात चितांच्या ज्वाळात नंतर हेही कळत नाही की आपल्या माणसाला कुठे अग्नी दिला होता. चौथऱ्यावर गेलं की धग लागते फक्त, सगळीकडून जळणाऱ्या चितांची. स्मशानात एरवी भयाण वाटतं म्हणे, एकटीच चिता जळत असते बाकी अंधार.आता आपल्या माणसाचं चितेत जळण्यासाठी कधी नंबर येईल या विवेचंनेत थांबलेली माणसं, स्मशानभूमीत काम करणाऱ्या माणसांची यंत्रासारखी लगबग, सतत येणाऱ्या अँब्युलन्स, समोर धडाडणाऱ्या चिता आणि त्यांचा सगळीकडे पसरलेला प्रकाश फक्त भेसूर वाटतो.अर्धा किलोमीटर अंतरावरून कळतं पुढे स्मशानभूमी आहे इतका त्या अग्नीचा प्रकाश पसरलेला असतो. भीती फक्त माणसाच्या हतबलतेची वाटते.बाकी कोणतं वर्ष पनवती नसतं, काळ पनवती नसतो, आपण माणसंच पनवती असतो.(टीप : बीबीसी मराठीच्या सदस्याने आपला अनुभव या ब्लॉगमध्ये मांडला आहे. त्यांच्या इच्छेखातर नाव देत नाही आहोत न्यूज मराठीचे सर्व अपडेट्स मिळवण्यासाठी आम्हाला YouTube, Facebook, Instagram आणि Twitter वर नक्की फॉलो करा.

महाराष्ट्रातल्या कोणत्याही शहराची, खरंतर परिस्थिती पाहाता देशातल्या कोणत्याही शहराची सद्यस्थिती आहे. तुम्ही अहमदनगरचा तो व्हीडिओ पाहिला असेल जिथे एकाच चितेवर सहा जणांना अग्नी दिला. किंवा देशाच्या कोणत्यातरी नदीच्या किनारी जमिनीवरच मृतदेह ठेवून त्याभोवती लाकडं रचून पेटवलेलंही पाहिलं असेल, अगदी परवा समोर आलेला लखनऊच्या स्मशानातला अनेक मृतदेह जळतानाचा व्हीडिओही नजरेसमोरून गेला असेल. तसाच माझा एक अनुभव. By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब कोव्हिडने मरणाऱ्या लोकांचे आकडे रोज समोर येतात, थोडं हळहळून, चुकचुकून सोडून देतो आपण, कामाला लागतो. दुसऱ्या दिवशी परत आकडे येतात. तेच घडतं, तोपर्यंत जोपर्यंत ही काळाची चाहूल तुमच्या घरात लागत नाही. अचानक आकडे फक्त आकडे न राहाता आपल्या जगण्याची धावपळ बनते. काहीतरी शाप असावा माणसाला की आपला माणूस मरत नाही तोवर काही सिरीयसली घ्यावंसच वाटत नाही. तशीच गर्दी बाहेर वाढत असते. आभाळच फाटलं त्याला कुठे कुठे ठिगळं लावणार असं माझी आजी म्हणायची. कोरोनाने मरणारा माणूस कसा मरतो माहितेय? श्वास कोंडून, की शेवटी त्याला जगण्यासाठी एक श्वास घेणं मुश्कील व्हावं. जो/ज

COVID-19 के खिलाफ अप्रमाणित विधियों की सूचीमिसिंग इन हिंदीBy समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबAutomatic translationइस विषय के व्यापक कवरेज के लिए, COVID-19 महामारी से संबंधित गलत सूचना देखें ।कई नकली या अप्रमाणित चिकित्सा उत्पाद और विधियाँ हैं जो COVID -19 का निदान, रोकथाम या इलाज करने का दावा करते हैं । [१] COVID-१ ९ के लिए बेची जाने वाली नकली दवाइयों में वे तत्व शामिल नहीं हो सकते हैं जिनके वे होने का दावा करते हैं, और इनमें हानिकारक तत्व भी हो सकते हैं। [2] [1] [3] मार्च 2020, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एक बयान इलाज या इलाज करने की कोशिश में किसी भी दवा लेने के खिलाफ की सिफारिश जारी किया COVID -19, हालांकि संभावित उपचार पर अनुसंधान चल रहा था, सहित एकजुटता डब्ल्यूएचओ द्वारा परीक्षण किया गया। [४] डब्ल्यूएचओ ने सदस्य देशों से अनुरोध किया कि यदि कोई नकली दवाइयाँ या अन्य गलत उत्पाद खोजे गए तो उन्हें तुरंत सूचित किया जाए।[४] कई दावे यह भी हैं कि मौजूदा उत्पाद COVID-19 के खिलाफ मदद करते हैं, जो पारंपरिक विज्ञापन के बजाय ऑनलाइन अफवाहों के माध्यम से फैलते हैं।बाल वनिता महिला आश्रमCOVID-19 के बारे में चिंता लोगों को "कुछ भी करने की कोशिश" करने के लिए और अधिक तैयार करती है जो उन्हें स्थिति के नियंत्रण की भावना दे सकती है, जिससे उन्हें घोटालों के लिए आसान लक्ष्य बनाया जा सकता है। [५] सीओवीआईडी ​​-१ ९ के खिलाफ उपायों के बारे में कई झूठे दावे सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित किए गए हैं, लेकिन कुछ पाठ द्वारा प्रसारित किए गए हैं, YouTube पर और कुछ मुख्यधारा के मीडिया में भी। अधिकारियों ने सलाह दी कि जानकारी को अग्रेषित करने से पहले, लोगों को सावधानी से सोचना चाहिए और इसे देखना चाहिए। गलत सूचना संदेश डरावनी रणनीति या अन्य उच्च दबाव वाले बयान का उपयोग कर सकते हैं, सभी तथ्यों का दावा करते हैं जबकि अन्य नहीं करते हैं, और असामान्य निष्कर्ष पर कूदते हैं। जनता को सूचना स्रोत के स्रोत की जांच करने की सलाह दी गई, जो आधिकारिक वेबसाइटों पर देख रहे थे; कुछ संदेशों ने आधिकारिक निकायों जैसे कि यूनिसेफ और सरकारी एजेंसियों से झूठा दावा किया है। [5] [6] [7] [8] आर्थर Caplan, के सिर चिकित्सा नैतिकता पर न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय के मेडिकल स्कूल , COVID -19 उत्पादों के लिए सरल सलाह था: "ऑनलाइन कुछ भी, इसे अनदेखा"। [५]उत्पाद जो COVID-19 जोखिम को रोकने का दावा करते हैं, खतरनाक झूठे आत्मविश्वास और संक्रमण दर को बढ़ाते हैं। [९] ऐसे उत्पादों को खरीदने के लिए जाने से लोगों को घर में रहने के आदेशों को तोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है , जिससे सामाजिक दूरी कम हो सकती है । [ उद्धरण वांछित ] कुछ बहाना उपचार भी जहरीले होते हैं; नकली COVID-19 उपचार का उपयोग करने से सैकड़ों लोग मारे गए हैं। [१०]निदानचिकित्सकीय रूप से अनुमोदित परीक्षणों में वायरस या एंटीबॉडी का पता चलता है जो शरीर इसे बंद करने के लिए बनाता है। सरकारी स्वास्थ्य विभाग और स्वास्थ्य सेवा प्रदाता जनता को परीक्षण प्रदान करते हैं। [११] फर्जी परीक्षण की पेशकश करने वाले धोखेबाज रहे हैं; कुछ ने पैसे के बदले में परीक्षण की पेशकश की है, लेकिन दूसरों ने कहा है कि जानकारी को इकट्ठा करने के लिए परीक्षण मुफ्त है जो बाद में पहचान की चोरी या चिकित्सा बीमा धोखाधड़ी के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है । कुछ धोखेबाजों ने स्थानीय सरकारी स्वास्थ्य अधिकारी होने का दावा किया है। लोगों को सलाह दी गई है कि वे परीक्षण के बारे में जानकारी के लिए अपने डॉक्टर या वास्तविक स्थानीय सरकारी स्वास्थ्य अधिकारियों से संपर्क करें। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर, ई-मेल और फोन द्वारा फेक टेस्ट की पेशकश की गई है। [१२]There are no antibody COVID-19 kits for home use available in the UK, as of the third of June 2020। [१३] [.[13][needs update][United Kingdom-centric]Counterfeit testing kits, which were originally used for testing HIV and monitoring glucose levels, were touted as for coronavirus diagnosis.[14][15]Holding one's breath for 10 seconds was claimed to be an effective self-test for the coronavirus.[16] The WHO stated that this test did not work and should not be used.[17]Manufacturer Bodysphere briefly sold what it claimed were coronavirus antibody tests. It falsely marketed them as having received FDA Emergency Use Authorization. It also falsely claimed they were made in the United States.[18]रोकथाम और इलाज के दावेWidely circulated rumours have made many unfounded claims about methods of preventing and curing infection with SARS-CoV-2.[19] Among others:Disinfection-related methodsHand cleaningSARS-CoV-2 को हटाने के लिए सादे साबुन और पानी से हाथ धोना (with20 सेकंड के लिए) प्रभावी है । हैंड सैनिटाइजर हाथों को सैनिटाइज करने के लिए थोड़ा हीन विकल्प है। [२०] [२१] न तो जीवाणुरोधी साबुन [२२] [२३] और न ही लाल साबुन सादे साबुन की तुलना में अधिक प्रभावी हैं।सादा साबुन और पानी में हाथ धोने से हैंड सैनिटाइज़र अधिक प्रभावी नहीं है । [२४] कम से कम २० सेकंड के लिए साबुन और पानी में धोने की सिफारिश अमेरिकी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन द्वारा की जाती है, जो ज्यादातर स्थितियों में हाथ साफ करने का सबसे अच्छा तरीका है। हालांकि, यदि साबुन और पानी उपलब्ध नहीं है, तो एक हाथ सैनिटाइज़र जो कम से कम 60% अल्कोहल का उपयोग किया जा सकता है, जब तक कि हाथ स्पष्ट रूप से गंदे या चिकना न हों। [२०] [२१]साबुन कोरोनाविरस को हटाने में प्रभावी है, लेकिन जीवाणुरोधी साबुन सादे साबुन से बेहतर नहीं है। [२२] [२३]लाल साबुन अन्य रंगों की तुलना में अधिक कीटाणुनाशक नहीं है, एक लोकप्रिय फेसबुक पोस्ट में दावों के विपरीत, श्रीलंका के स्वास्थ्य संवर्धन ब्यूरो (एचपीबी) के रजिस्ट्रार आशान पथिराना ने कहा; उन्होंने सुझाव दिया कि यह कार्बोलिक साबुन का संदर्भ हो सकता है । [२५] [ चिकित्सा प्रशस्ति पत्र की जरूरत ]रम, ब्लीच और फैब्रिक सॉफ्टनर को मिलाकर घर पर तैयार किए गए हैंड सैनिटाइजर को फिलीपींस में YouTube वीडियो में COVID-19 को रोकने के लिए प्रभावी रूप से प्रचारित किया गया है। फिलीपींस के एकीकृत दवा की दुकानों (आईसीपी) जारी करते हुए कहा है कि मादक पेय केवल लगभग 40% शराब शामिल बयान, कम मिश्रण ब्लीच और शराब बनाता है की तुलना में, प्रभावी हाथ sanitizers में आवश्यक 70% और उस क्लोरोफॉर्म , जो विषाक्त और खतरनाक है जब साँस या जब यह त्वचा के संपर्क में आता है। वीडियो में उपयोग किए जाने वाले रम और ब्लीच के ब्रांडों के निर्माताओं ने सार्वजनिक रूप से जारी किए गए दोनों बयानों को नुस्खा खतरनाक बताया और लोगों से इसका उपयोग न करने का आग्रह किया। [२६] [ चिकित्सा उद्धरण की आवश्यकता ] [२ c]Vodka was alleged to be an effective homemade hand sanitizer, or an ingredient in one. The company whose brand was alleged to be protective responded to the rumours by citing the US Centers for Disease Control and Prevention statement that hand sanitizers needed to be at least 60% alcohol to be effective, and stating that their product was only 40% alcohol.[28][29][medical citation needed]Claims that vinegar was more effective than hand sanitizer against the coronavirus were made in a video was shared in Brazil. That was disproved, as "there is no evidence that acetic acid is effective against the virus" and, even if there was, "its concentration in common household vinegar is low".[30][medical citation needed]Gargling, nasal rinses, and inhalationInhaling bleach or other disinfectants is dangerous and will not protect against COVID-19. They can cause irritation and damage to tissues, including the eyes. They are poisonous and WHO has warned not to take it internally and to keep it out of the reach of children. They can be safely and effectively used to disinfect non-human surfaces, like countertops, but not humans.[17]विवादास्पद वैकल्पिक दवा के प्रस्तावक जोसेफ मर्कोला और थॉमस लेवी ने दावा किया कि एक नेब्युलाइज़र का उपयोग करके 0.53 % हाइड्रोजन पेरोक्साइड समाधान को साँस लेना सीओवीआईडी ​​-19 को रोक या ठीक कर सकता है। [३१] [३२] वे हाइड्रोजन पेरोक्साइड का उपयोग करते हुए सतहों को निष्फल करने के लिए अनुसंधान का हवाला देते हैं, [३३] [३४] गलत तरीके से यह कहते हुए कि इसका उपयोग मानव वायुमार्ग को साफ करने के लिए किया जा सकता है। प्लेटफ़ॉर्म नियमों का उल्लंघन करने के लिए मर्कोला के विज्ञापन के एक ट्वीट को 15 अप्रैल, 2020 को ट्विटर से हटा दिया गया था । [३२]हाइड्रोजन पेरोक्साइड के साँस लेना ऊपरी वायुमार्ग जलन, स्वर बैठना, नाक की सूजन, और सीने में जलन पैदा कर सकता है। उच्च सांद्रता में, हाइड्रोजन पेरोक्साइड को साँस लेने से स्थायी न्यूरोलॉजिकल क्षति या मृत्यु हो सकती है। [३५] हालांकि हाइड्रोजन पेरोक्साइड दवा के एक वैकल्पिक और पूरक रूप के रूप में उपयोग किया जाता है, लेकिन कई रोग प्रक्रियाओं में उपयोग की वकालत की जाती है, जिनमें सीओपीडी, अस्थमा, निमोनिया और ब्रोंकाइटिस शामिल हैं, इसके उपयोग के बारे में कोई परीक्षण नहीं लगता है। [३६] यह क्रोनिक (५ वर्षों के दौरान) से संबंधित संभावित दुष्प्रभावों का मामला था और सबस्यूट हाइड्रोजन पेरोक्साइड इनहेलेशन का उपयोग जो तीव्र न्यूमोनिटिस के रूप में अंतरालीय फेफड़े की बीमारी को जन्म देता है। [३६]Gargling with saltwater was said to kill the coronavirus in claims on Weibo, Twitter and Facebook. These claims were falsely attributed to respiratory expert Zhong Nanshan, Wuhan Union Hospital, and a number of other people and institutions, sometimes with the attribution changed and the actual advice copied verbatim. Zhong Nanshan's medical team published a refutation, asking people not to share it; they pointed out that the virus settles in the respiratory tract, which cannot be cleaned by rinsing the mouth. The WHO also said it had no convincing evidence that this method would provide any protection against COVID-19.[37]दक्षिण कोरिया में ग्रेस कम्युनिटी चर्च की नदी के दरवाजे पर खारे पानी के स्प्रे दिए गए थे , इस विश्वास के साथ कि यह लोगों को वायरस से बचाएगा; एक ही अप्रकाशित स्प्रे बोतल का उपयोग सभी पर किया गया था, और इससे जोखिम बढ़ सकता है। इसके बाद, 46 भक्त वायरस से संक्रमित थे। [३ [] [३ ९]"कोरोना-क्योर कोरोनावायरस इन्फेक्शन प्रिवेंशन नेसल स्प्रे" को ऑनलाइन धोखे से बेचा गया। [४०]इस बात का कोई सबूत नहीं है कि खारा नाक की लाली COVID-19 को रोकने में मदद करती है। [१ 17]तापमानएक विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस मिथक को फैलाया कि गर्म और आर्द्र मौसम वायरस के प्रसार को रोकता है।ठंड के मौसम और बर्फ COVID-19 वायरस को नहीं मारते हैं। वायरस मनुष्यों में रहता है, न कि बाहर में, हालांकि यह सतहों पर जीवित रह सकता है। ठंड के मौसम में भी, शरीर 36.5-37 डिग्री सेल्सियस के अंदर रहेगा, और COVID-19 वायरस नहीं मारा जाएगा। [१ 17]गर्म और आर्द्र परिस्थितियाँ COVID-19 को फैलने से नहीं रोकती हैं। गर्म और आर्द्र जलवायु वाले देशों में कई COVID-19 मामले सामने आए हैं। [१ 17]26-27 डिग्री सेल्सियस (79–81 ° F) गर्म पानी या गर्म स्नान पीने से COVID-19 के लोग ठीक नहीं होंगे। यह दावा किया गया है कि ये बयान यूनिसेफ द्वारा कोरोनोवायरस रोकथाम के दिशानिर्देशों में किए गए थे, लेकिन यूनिसेफ के अधिकारियों ने इसका खंडन किया। [४१] [१ 41] [४२]COVID-19 वायरस को मारने के लिए मनुष्यों पर उच्च तापमान का उपयोग नहीं किया जा सकता है। बहुत गर्म स्नान करने से जलन हो सकती है, लेकिन शरीर 36.5-37 डिग्री सेल्सियस अंदर रहेगा, और सीओवीआईडी ​​-19 वायरस नहीं मारा जाएगा। [४३] [१ 17]गर्म सौना और हाथ या बाल dryers COVID-19 को रोकने या इलाज नहीं करते हैं। [४४] [१ 17]फेसबुक पर प्रसारित होने वाले कोरोनावायरस संक्रमण के इलाज के रूप में स्टीम इनहेलेशन का सुझाव दिया गया था। [४५] [४६]विकिरणयूवी-सी प्रकाश का उपयोग एक प्रयोगशाला में उपकरणों को निष्फल करने के लिए किया जाता है। यूवी-सी का उपयोग लोगों को कीटाणुरहित करने के लिए नहीं किया जा सकता क्योंकि यह त्वचा और आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है।Exposing people to sunlight will not prevent or cure COVID-19. It has been falsely claimed that UNICEF said so, in coronavirus prevention guidelines; UNICEF officials refuted this.[41][17][42] The virus can spread in even the sunniest of weather.[17]UV-C light cannot be used on humans to kill the COVID-19 virus. Attempting to use UV to sterilize people can cause skin irritation and damage the eyes.[43][17]Other disinfection-related methodsश्वेत रंग का कोरोनावायरस पर 'हानिकारक प्रभाव' नहीं है, जैसा कि व्यापक रूप से साझा फेसबुक पोस्ट में दावा किया गया है; श्रीलंका के हेल्थ प्रमोशन ब्यूरो (एचपीबी) के रजिस्ट्रार आशान पाथिराना के अनुसार, न तो एक रूमाल का रंग वायरस पर प्रभाव डालता है । छींकने या खांसी में अन्य रंगों के रूमाल या ऊतकों का उपयोग करना उतना ही प्रभावी होगा। [२५] [ चिकित्सा प्रशस्ति पत्र की जरूरत ]सोशल मीडिया पर पोस्ट ने दावा किया कि 12 जनवरी, 2020 को ताल ज्वालामुखी के विस्फोट से ज्वालामुखी राख , देश में कम संक्रमण दर का कारण था, यह बताते हुए कि यह वायरस को मार सकता है और "एंटी-वायरल और" "कीटाणुनाशक गुण"। [४]]ब्लीच पीना बेहद खतरनाक है और COVID -19 से रक्षा नहीं करेगा। ब्लीच जहरीला होता है और आंतरिक अंगों को नुकसान पहुंचाता है। इसे पीने से विकलांगता और मृत्यु हो सकती है। डब्ल्यूएचओ ने पदार्थ न पीने की चेतावनी दी है। [१ 17]संरक्षित उपकरणUSB फ्लैश ड्राइव को $ 5 के लिए "5G बायोशील्ड" के रूप में बेचा जा रहा था, जो 5G मोबाइल टेलीफोन रेडियो तरंगों के माध्यम से प्रसारित संक्रमण के गैर-मौजूद खतरे से सुरक्षा प्रदान करता है । [४]]34,000 से अधिक नकली सर्जिकल मास्क-जो कि कोरोनावायरस की रोकथाम के लिए टाल दिए गए थे , मार्च 2020 में यूरोपोल द्वारा जब्त कर लिए गए थे। [14]गीले-पोंछे से मास्क बनाना आधिकारिक तौर पर सर्जिकल मास्क के विकल्प के रूप में अनुशंसित नहीं किया गया है, कुछ दावों के विपरीत है। [४ ९] कुछ सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों ने होममेड क्लॉथ फेस मास्क बनाने और उपयोग करने के लिए निर्देश जारी किए हैं । [५०] COVID-१ ९ महामारी के दौरान फेस मास्क देखें ।एयरोसोल बक्से एक्रिलिक बक्से जैसे एयरोसोल पैदा करने के दौरान रोगी के सिर पर रखा इंटुबैषेण संभावित यदि एक मरीज को खांसी एयरोसोल कणों COVID युक्त के प्रसार में वृद्धि -इनके। [५१]गालियों का नशाsemi-space-filling molecular diagram of methanol; a carbon and three hydrogens make a tetrahedrom, and the carbon point of the tetrahedron has an oxygen atom, which in turn is attache at an angle to a hydrogen atom.मेथनॉल में एक कार्बन परमाणु (डार्क ग्रे) होता है। यह तुरंत जहरीला है ; एकल खुराक से अंधापन, मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में क्षति और मृत्यु हो सकती है। [५२] ब्लैकमार्केट अल्कोहल युक्त पेय में मेथनॉल हो सकता है। [५३]semi-space-filling molecular diagram of ethanol.इथेनॉल में दो कार्बन परमाणु (डार्क ग्रे) होते हैं। इथेनॉल मेथनॉल के साथ भ्रमित नहीं होना चाहिए। इथेनॉल युक्त पेय व्यापक रूप से नशे में हैं। यह COVID-19 को रोकता नहीं है, और उप- प्रतिरक्षात्मक इम्युनोसपेशन का कारण बन सकता है । [५४]A mix containing amphetamines, cocaine, and nicotine, on sale on the dark web for US$300, was presented as a vaccine against COVID-19.[55]Cocaine does not protect against COVID-19. Several viral tweets purporting that snorting cocaine would sterilize one's nostrils of the coronavirus spread around Europe and Africa. In response, the French Ministry of Health released a public service announcement debunking this claim, saying "No, cocaine does NOT protect against COVID-19. It is an addictive drug that causes serious side effects and is harmful to people’s health." The World Health Organization also debunked the claim.[56][57][58] Facebook flagged the rumour as misinformation.[59]एक दावा है कि भांग YouTube पर दिखाई देने वाली कोरोनावायरस से रक्षा कर सकती है, साथ ही श्रीलंका में भांग को वैध बनाने की याचिका के साथ। श्रीलंका के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि कोई सबूत नहीं था कि भांग COVID -19 के खिलाफ संरक्षित थी। [६०] फॉक्स न्यूज के एक लेख के लिए एक फर्जी वेबपेज का दावा है कि सीबीडी तेल एक संभावित इलाज था। [६१]क्लोरोफॉर्म और ईथर आधारित दवा लोलो को ब्राजील में फैले संदेशों में बीमारी को ठीक करने के लिए कहा गया था। [६२]उबली हुई सुपारी COVID-19 को ठीक नहीं करेगी। [४२]Industrial methanol was claimed to cure the coronavirus. Drinking alcohol is ethanol, while methanol is acutely poisonous. The WHO has warned not to drink ethanol or methanol in an effort to kill the virus. Iranian media were reporting nearly 300 dead and 1000 hospitalized (or 600 dead and 3,000 hospitalized, according to an unidentified doctor in the Health Ministry) as of April 8, 2020. Alcoholic beverages are illegal in Iran, resulting in a black market in liquor made illegally;[10] while drinking alcohol is ethanol, other alcohols, such as methanol, are acutely poisonous, and may be present in badly prepared alcoholic beverages.[53]कुछ रिपोर्टों के विपरीत, इथेनॉल अल्कोहल पीने से भी COVID -19 से बचाव नहीं होता है, और इससे स्वास्थ्य जोखिम बढ़ सकते हैं [17] ( अल्पावधि और दीर्घकालिक )।वाणिज्यिक उत्पादोंहोम्योपैथिक ग्लोब्युलि (चीनी की गोलियां) लोगों को COVID -19 से प्रतिरक्षित नहीं करती है।कई धोखेबाज और अप्रमाणित उत्पाद हैं जिन्हें COVID-19 के खिलाफ इलाज या सुरक्षा का दावा किया जाता है। [१] [५]माना जाता है कि "वायरस शट आउट प्रोटेक्शन" पेंडेंट, जापान से माना जाता है, जिसे किसी के गले में पहना जाता है, यह दावा किया जाता है कि वे संक्रमण को रोकते हैं। अमेरिकी पर्यावरण संरक्षण एजेंसी ने कहा कि कोई सबूत नहीं पेश किया गया है कि वे काम करते हैं, और आयातकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की है। [६३]एक ट्विटर पोस्ट ने दावा किया कि "ऑस्ट्रेलियन मेडिकल यूनिवर्सिटी" के वैज्ञानिकों ने कोरोनावायरस के लिए एक टीका विकसित किया था। इसने टीकाकरण किट के लिए भुगतान के रूप में 0.1 बिटकॉइन को स्वीकार किया और 5-10 दिनों में शिपिंग का वादा किया। लिंक की गई वेबसाइट को बाद में हटा दिया गया था। [६४] (उल्लेखनीय?)Homeopathic 'Influenza complex' has been marketed as a preventive measure for COVID-19 by a man in New Zealand, who claimed to have identified and imbued his product with the "frequency" of COVID-19 using a "radionics machine". Homeopathic remedies such as this one have no active ingredients and cannot protect against flu, colds, or COVID-19, said University of Auckland associate professor and microbiologist Dr Siouxsie Wiles. The NZ Ministry of Health said that COVID-19 was not a strain of flu, and criticized products which claim to prevent COVID-19 as giving dangerous false confidence.[9]आर्सेनिकम एल्बम के साथ होम्योपैथिक उपचार को COVID -19 को रोकने के लिए "ऐड ऑन" के रूप में दावा किया जाता है। [६५] [ चिकित्सा प्रशस्ति पत्र की जरूरत ]कैलिफोर्निया में रहने वाले एक व्यक्ति ने कोरोनोवायरस का इलाज करने के लिए गोलियों का विपणन किया, हालांकि गोली की सामग्री को सार्वजनिक नहीं किया गया था। उन्हें धोखाधड़ी के प्रयास के लिए गिरफ्तार किया गया था, जो 20 साल की जेल तक ले जाता है। [६६]COVID-19 संक्रमण के इलाज के रूप में कोलाइडयन चांदी का झूठा विपणन किया जाता है।दावा है कि कोलाइडल चांदी समाधान 650 से अधिक रोगजनकों को मार सकता है जिसमें कोरोनवायरस शामिल हैं एंटीफ्राड क्रियाएं। पूरक और एकीकृत स्वास्थ्य के लिए राष्ट्रीय केन्द्र आहार अनुपूरक के रूप कोलाइडयन चांदी लेने के खिलाफ अपनी वेबसाइट पर चेतावनी दी थी। फर्जी उत्पाद बेचने के लिए कंपनियों को सात चेतावनी पत्र दायर किए गए थे। [६ Jim ] प्रीचर जिम बकर दावा कर रहे थे कि कोलोइड सिल्वर जो उन्होंने (और केवल अपने) बेचीं, उनका इस्तेमाल COVID-१ ९ के इलाज के लिए किया जा सकता है। [६ silver ] कोलाइडल सिल्वर किसी भी चीज के लिए एक प्रभावी उपचार नहीं है, और यह अन्य दवाओं के साथ हस्तक्षेप कर सकता है या स्थायी अरगिरिया (ब्लू-ग्रे त्वचा मलिनकिरण) का कारण बन सकता है । [६ ९]Toothpastes, dietary supplements and creams were being sold illegally in the US, with claims that they could cure coronavirus infection.[70] Alex Jones was directed by the USFDA to cease promoting these products as a cure.[68]सेलिब्रिटी शेफ पीट इवांस ने दावा किया कि 14,990 अमेरिकी डॉलर की लागत वाला बायोचार्जर एनजी सुब्बल एनर्जी प्लेटफॉर्म नामक एक उपकरण कोरोनोवायरस को ठीक कर सकता है। उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई मेडिकल एसोसिएशन द्वारा उत्पाद को "फैंसी लाइट मशीन" के रूप में खारिज करने के बाद अपने विज्ञापन को वापस लेने का सामना किया । [[१] [६ P] ऑस्ट्रेलियाई वितरकों, हाइड्रोजन टेक्नोलॉजीज पीटीआई लिमिटेड ने कहा कि यह उपकरण "फेफड़ों में होने वाली सूजन को कम करने के साथ-साथ अन्य असुरक्षित चिकित्सीय दावों के कारण कोरोनोवायरस पीड़ितों के वायुमार्ग को खोलने में मदद करेगा ।" [[२] इवांस को उनके झूठे दावों के लिए चिकित्सीय सामान प्रशासन द्वारा एयू $ २५,२०० का जुर्माना लगाया गया था । [73३]" मिरेकल मिनरल सॉल्यूशन " (MMS) सोडियम क्लोराइट (टेबल सॉल्ट और कुछ अन्य ट्रेस मिनरल्स के साथ) और एक एसिड का मिश्रण होता है, जो सोडियम क्लोराइट के साथ प्रतिक्रिया करके अस्थिर क्लोरस एसिड का घोल बनाता है , जो क्लोराइट , क्लोरेट और क्लोरीन डाइऑक्साइड , एक औद्योगिक ब्लीच। [Has४] एफडीए ने इसका उपयोग करने के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा है कि कोई सबूत नहीं है कि यह सीओवीआईडी ​​-१ ९ को ठीक करता है, रोकता है या इसका इलाज करता है, और यह स्वास्थ्य के लिए गंभीर रूप से खतरनाक है। " जेनेसिस II चर्च " अपने मेल-ऑर्डर एमएमएस को " संस्कार " कहता है", और जब एफडीए ने चेतावनी दी कि उनके दावे कि यह COVID-19 को ठीक कर सकता है, धोखेबाज़ थे, तो उन्हें यह कहते हुए बंद करने से मना कर दिया कि FDA का उन पर कोई अधिकार नहीं है, और वे कभी नहीं रूकेंगे। एक धार्मिक संगठन के रूप में उनकी स्थिति। दक्षिण फ्लोरिडा में अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय द्वारा सार्वजनिक सुरक्षा के आधार पर एक अस्थायी निरोधक आदेश के लिए एक सफल फाइलिंग में विवादित है। [successful५ ] [] ६] [successful]Shuanghuanglian, a mixture of plants invented in the 1960s as part of official state-sponsored TCM (traditional Chinese medicine), was advertised by the Xinhua News Agency as being able to treat the coronavirus. Posts on Weibo claimed that many people violated social distancing rules while queuing to buy it. Some attributed the news stories to stock market manipulation.[77][78]Jennings Ryan Staley, a licensed physician and owner of Skinny Beach Med Spa, was accused of selling mail-order "COVID-19 treatment packs", claiming they would protect against COVID-19 for six weeks and cure it "100%", causing the disease to disappear in hours. He has been arrested and is being "vigorously investigated" by the FBI; if convicted, he may face 20 years in prison.[79]A hand cream sold by the right-wing populist party leader of the party Greek Solution, Kyriakos Velopoulos, via his TV shop, is claimed to completely kill COVID-19, although it is not approved by medical authorities.[80]एक "एंटी-कोरोनावायरस" गद्दे को एंटी-फंगल, एंटी-एलर्जी, डस्टप्रूफ और वाटरप्रूफ होने के रूप में विज्ञापित किया गया था और कोरोनावायरस से लड़ने में सक्षम था। [81१]स्व-घोषित प्राकृतिक चिकित्सक, मोहन वैद्य को केरल में यह दावा करने के लिए गिरफ्तार किया गया था कि वह COVID-19 का इलाज कर सकता है और लोगों का इलाज कर सकता है। [82२]मिथाइलीन क्लोराइड , ऐतिहासिक रूप से एक पेंट स्ट्रिपर के रूप में उपयोग किया जाता है , ईबे पर कोरोनोवायरस कीटाणुनाशक के रूप में विपणन किया जा रहा था। उपयोग के दौरान श्वासावरोध के जोखिम के कारण इसे पहले अमेरिकी पर्यावरण संरक्षण एजेंसी ने प्रतिबंधित कर दिया था । [83३]अमेज़ॅन पर क्लोरीन डाइऑक्साइड की गोलियाँ और सैनिटाइज़र का विपणन किया गया था। [83३]शोर्ट आउट नामक एक कथित रूप से एंटी-वायरस डोरी ने जॉर्जिया की एक महिला को अमेरिकी कीटनाशक, कवकनाशी और रोडेंटिसाइड अधिनियम का उल्लंघन करने के लिए दोषी ठहराया । [83३]पारंपरिक चीनी औषधिचीन आधिकारिक तौर पर COVID-19 के इलाज के लिए पारंपरिक चीनी चिकित्सा (टीसीएम) के उपयोग को बढ़ावा देता है। [Papers४] कई शैक्षणिक कागजात, जैसे कि शि एट अल।, [been५] को किंग्फ़ेई पेडो डेकोशन जैसे विभिन्न काढ़े की प्रभावशीलता को स्थापित करने के लिए प्रकाशित किया गया है । कई सकारात्मक खातों के बावजूद, अधिकांश पश्चिमी मीडिया इसकी प्रभावशीलता के बारे में संदेहपूर्ण रवैया रखते हैं। [ Many६ ] कई अनुसंधान चल रहे हैं जो TCM विधियों से प्रेरणा से COVID-१ ९ के उपचार के लिए प्रभावी अवयवों की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं।Botanical claimsThe poisonous fruit of the datura plant was claimed to be effective because it looks a bit like the coronavirus virion.एक जटिल श्रीलंकाई हर्बल ड्रिंक को सभी वायरस संक्रमणों को रोकने के लिए कहा गया था, जो मनुष्यों को प्रभावित कर सकता है, जिसमें COVID-19 भी शामिल है, जिसमें रेपोस्ट व्यापक रूप से फेसबुक पर प्रसारित हो रहे हैं। पेय बुखार के लक्षणों को कम कर सकता है [ उद्धरण वांछित ] , लेकिन इससे संक्रमित व्यक्ति अन्य लोगों को संक्रमित कर सकता है, और कोलंबो इंस्टीट्यूट ऑफ इंडीजेनस मेडिसिन के एक वरिष्ठ व्याख्याता, एलपीए करुनाथिलके के अनुसार, मिश्रण में दीर्घकालिक स्वास्थ्य जटिलताएं हो सकती हैं। । [[[] [ चिकित्सा प्रशस्ति पत्र की जरूरत ]एंड्रोग्रैफिस पैनिकुलैटा का दावा किया गया था कि वे प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ा सकते हैं और एक थाई मीडिया वेबसाइट द्वारा कोरोनोवायरस के लक्षणों से छुटकारा दिला सकते हैं। Pakakrong Kwankao, पर अनुभवजन्य साक्ष्य केंद्र के प्रमुख चाओ फ्राया Abhaibhubehjr अस्पताल , और रिचर्ड ब्राउन, स्वास्थ्य आपात स्थिति के कार्यक्रम प्रबंधक और रोगाणुरोधी प्रतिरोध थाईलैंड में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) में, कहा कोई सबूत नहीं है इन दावों को वापस करने के लिए नहीं है। [[88]से एसएपी Tinospora crispa (makabuhay) पौधों कोरोना जब एक आँख ड्रॉप के रूप में इस्तेमाल के खिलाफ एक एंटीबायोटिक के रूप में सेवा करने का दावा किया गया था; यह भी दावा किया गया था कि कोरोनोवायरस त्वचा से होता है और रेंगता है। इन अफवाहों को फिलीपींस में प्रसारित किया गया। फिलीपींस के इंस्टीट्यूट ऑफ हर्बल मेडिसिन विश्वविद्यालय से Jaime Purificacion ने कहा कि जब खुजली के लिए उपचार के रूप में makabuhay के लिए सबूत थे, तो कोई सबूत नहीं था कि यह कोरोनोवायरस के इलाज के लिए उपयोगी था, और कोई सबूत नहीं था कि आपकी आंखों में सैप लगाया गया था। सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि यह खतरनाक हो सकता है। [O ९] डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि एंटीबायोटिक्स कोरोनावायरस को नहीं मारते हैं, क्योंकि वे बैक्टीरिया को मारते हैं, वायरस को नहीं। [१ 17]The poisonous fruit of the datura plant was falsely promoted as a preventive measure for COVID-19, which resulted in eleven people being hospitalized in India. They ate the fruit, following the instructions from a TikTok video that propagated the misinformation. The fruit was claimed to be effective on the grounds that it is spiky and looks a bit like the coronavirus virion.[90][91]सर्दी से बचने और ठीक करने के लिए अक्सर नींबू , घास , बड़ी , अदरक, काली मिर्च, नींबू और शहद सहित सामग्री को शामिल करने वाली एक सामग्री को मारिया अलेजांद्रा डिआज , वेनेजुएला संविधान सभा के सदस्य द्वारा COVID -19 के इलाज के रूप में प्रचारित किया गया था । डिआज़ ने वायरस को एक जैव-रासायनिक हथियार के रूप में भी वर्णित किया। [92]के राष्ट्रपति मेडागास्कर , एंड्री राजोलीना का शुभारंभ किया और पदोन्नत Covid-ऑर्गेनिक्स एक के आधार पर एक हर्बल पेय: अप्रैल 2020 में artemisia संयंत्र एक चमत्कार इलाज है कि इलाज और रोकने COVID -19 चिकित्सा सबूत की कमी के बावजूद कर सकते हैं। पेय अन्य अफ्रीकी देशों को निर्यात किया गया है। [93] [94]United States President Donald Trump and Mike Lindell participated in a July meeting at the White House regarding the use of oleandrin as a treatment for coronavirus.[95] Lindell soon acquired a financial stake in Phoenix Biotechnology Inc, a company trying to find a profitable use for oleandrin. Oleandrin is toxic and potentially lethal to humans.[96]Religious and magical methodsZoonosis involves a disease hopping between humans and other animalsPerforming wudu, a washing before prayer, from individual sinks rather than a common pool.Indian politician Swami Chakrapani claimed that drinking cow urine and applying cow dung on the body could cure COVID-19. He also stated that only Indian cows must be used.[97][98] MP Suman Haripriya also promoted cow dung and urine .[99] In March 2020, the All India Hindu Union hosted a "cow urine drinking party" in New Delhi, attended by 200 people.[100] There exists no scientific evidence in favour of cow urine.[101][102] Dr. Shailendra Saxena of the Indian Virological Society stated that there is no evidence that cow urine has any anti-viral effect, and eating cow dung might transmit diseases to humans zoonotically. For example, giardiasis, E. coli, salmonellosis and tuberculosis can all be transmitted via bovine fecal matter.[103]मध्य पूर्व में ऊंट मूत्र पीने की वकालत की गई है । [१०४] [१०५] डब्ल्यूएचओ ने कहा कि ऊंट के मूत्र को पिया नहीं जाना चाहिए, ताकि मध्य पूर्व रेस्पिरेटरी सिंड्रोम से संबंधित कोरोनावायरस (MERS-CoV), [१०६ ] [१०]] [१०] ] [१० 109] [१० ९] अधिक घातक , SARS-CoV-2 - betacoronavirus की प्रजातियों की तरह ।Televangelist Kenneth Copeland urged followers to touch their televisions as a means of vaccination by proxy, and also attempted to exorcise COVID-19 on at least three occasions by summoning "the wind of God", stating that this had destroyed the virus (either in the US or worldwide). Earlier, he had urged followers to ignore public health advisories and come to his churches, saying they could be healed there by the laying on of hands if they fell ill.[68][ ] [110]" हैप्पी साइंस ", एक गुप्त भुगतान-से-प्रगति धार्मिक समूह, COVID -19 को रोकने और ठीक करने के लिए "आध्यात्मिक टीके" बेचता है, 100 से अधिक यूएस $ 400 से दरों पर वायरस से संबंधित आशीर्वाद का विज्ञापन करता है, और कोरोनावायरस-थीम वाले डीवीडी और सीडी बेचता है रायुहो ओकावा (पूर्व स्टॉकब्रोकर जिसे समूह सर्वोच्च देवता का वर्तमान अवतार मानता है) व्याख्यान देते हैं, जो कि अप्रैल 2020 तक प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने का दावा किया जाता है।। शुरू में सामाजिक-दूर करने के उपायों को धता बताने के बाद, इसने बाद में अपने न्यूयॉर्क मंदिर को बंद कर दिया, और दूर से आध्यात्मिक टीके लगाए। [१११]एक सुझाव है कि COVID -19 एक लगाने से रोका जा सकता है कपास की गेंद में भिगो बैंगनी तेल को गुदा लाया गया है अब्बास Tabrizian ईरान में बड़े पैमाने पर उपहास नए सिरे से। IRNA समाचार एजेंसी की सूचना दी अब्बास Tabrizian, जो अक्सर के रूप में अपने उपचार को बढ़ावा दिया है कि भविष्यवाणी दवा मानक चिकित्सा के विरोध में, यह भी दावा किया है कि COVID -19 जो उसे परेशान करता था के खिलाफ भगवान का बदला है। [११२] मोर्टेजा कोहंसल के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है, a follower of Abbas Tabrizian, who visited the coronavirus section of a hospital in Iran without wearing protective gear, and applied what he described as the "Prophet's perfume" to affected patients. Using Prophetic medicine has caused some Iranian clerics to delay getting standard medical treatment. Ayatollah Hashem Bathaie Golpayegani announced that he had cured himself of COVID-19 three weeks before being hospitalized. He died two days later.[113]Some religious hardliners in Iran have advocated that people visit shrines to be healed, and opposed government closures of pilgrimage sites.[113][114]Parliamentarian Ramesh Bidhuri of the Bharatiya Janata Party claimed that experts say using Namaste as a greeting prevents transmission of COVID-19, but using Arabic greetings such as Adab and As-salamu alaykum does not prevent it as they direct air into the mouth.[115][116]कोरोनावायरस से संबंधित धार्मिक और वैज्ञानिक गलत धारणाएं पाकिस्तान में व्यापक रूप से पाई गई हैं। [११ survey ] इप्सोस द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के शोध के अनुसार , पाकिस्तान में people२ % लोगों का मानना ​​था कि दिन में पांच बार वुडू / वशीकरण करने से उन्हें COVID-१ ९ अनुबंध करने से बचाए रखा जाएगा। इस बीच, 67% लोगों ने माना कि जमायत (मण्डली प्रार्थना) संक्रमण का स्रोत नहीं बन सकती है [118] और 48% लोगों का मानना ​​था कि हाथ मिलाना किसी को भी संक्रमित नहीं कर सकता क्योंकि यह सुन्नत है । [११ ९]खाद्य और पेयअसुरक्षित खाद्य दावों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक पोस्टरफलDrinking lemon in warm water has been claimed to prevent both COVID-19 and cancer by increasing vitamin C levels. This claim circulated on Facebook in English, French, Spanish, and Portuguese. There is no evidence that vitamin C was effective against coronaviruses, nor are lemons the fruit with the most vitamin C content, said Henry Chenal, director of the Integrated Bioclinical Research Centre (CIRBA) in Abidjan, Ivory Coast.[120] The WHO said that there was no evidence that lemons would protect against COVID-19, though they recommended consuming fresh fruit and vegetables in a healthy diet.[42]केले को प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने और सीओवीआईडी ​​-19 को रोकने और ठीक करने में सक्षम होने का दावा किया गया था। यह दावा एक कंपोजिट वीडियो पर आधारित था, जिसने क्वींसलैंड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के बयानों को गलत ठहराया था। विश्वविद्यालय ने कहा कि वीडियो फेक था और लोगों से इसे साझा न करने का आग्रह किया। [१२१] [१२२]आम या ड्यूरियन खाने से COVID -19 ठीक नहीं होगा। [४२]प्याज को फेसबुक पर COVID-19 के खिलाफ एक निवारक उपाय होने की अफवाह थी। [१२३]औषधि और मसालेलहसुन को फेसबुक पर COVID-19 को रोकने के लिए कहा गया था। [१२३] कोई सबूत नहीं है कि लहसुन COVID -19 से बचाता है। [१ 17]हॉट पेपर COVID-19 को रोक या ठीक नहीं कर सकता। [१ 17]Consuming large amounts of boiled ginger after fasting for a day was rumoured to prevent or cure coronavirus on Facebook. There is no evidence that this prevents or cures any coronavirus infection, Mark Kristoffer Pasayan, a fellow at the Philippine Society for Microbiology and Infectious Diseases, said.[124][123]Juice of bittergourd, a vegetable used in traditional medicine, was suggested as a cure for COVID-19 on social media.[125]Consuming turmeric has been claimed to help prevent COVID-19,V ਦ ਦ ਦ ਦ ਾ ਾ ੋ ੋ ੋ ੋ ੋ ੋ ੋਦ ੋ ੋ ੋ ੋ ੋ ੋ ਦ ਦ ਦ ਦ ਦ ਦ ਦ ਦ का १ ९ ०२ का संस्करण ਆ [126] but the WHO says there is no evidence that it does.[42]Neem leaves (Azadirachta indica) were claimed to be remedies for COVID-19 in rumours that circulated in India.[127]Various retailers have marketed herbal products and essential oils fraudulently claimed to cure or prevent COVID-19.[40]Drinks and frozen foodsA poster explains that alcohol hand-sanitizers kill coronaviruses, but alcoholic drinks do not protect against COVID-19Drinking alcohol will not prevent or cure COVID-19,[17] contrary to some claims.[128] Drinking alcohol may cause subclinical immunosuppression[54] (see "Addictive drugs" section above).Drinking water every 15 minutes was claimed to prevent coronavirus infection.[129] Drinking large amounts of water will not prevent or cure COVID-19, though avoiding dehydration is healthy.[42]Tea was said to be effective against COVID-19 in claims circulating on social media, which said that since tea contained the stimulants methylxanthine, theobromine and theophylline, it was capable of warding off the virus. These claims were falsely attributed to Dr Li Wenliang.[130][99]ब्राजील में एक इलाज होने का दावा किया गया था कि सौंफ़ की चाय (माना जाता है कि कोरोनविर्यूज़ के खिलाफ दवा टैमीफ्लू के समान है) - एक झूठे ई-मेल के अनुसार। [५६]ब्राजील में फैल रहे संदेशों में तथाकथित इलाज में एवोकाडो और पुदीने की चाय, गर्म व्हिस्की और शहद, आवश्यक तेल और विटामिन सी और डी शामिल हैं। [६२]फेसबुक का दावा है कि 'नमकीन पानी, चाय जैसे गर्म तरल पदार्थ पीना और आइसक्रीम से परहेज करना COVID-19 के प्रसारण को रोक सकता है' की स्वास्थ्य पेशेवरों ने आलोचना की है। [१३१]आइसक्रीम और जमे हुए खाद्य पदार्थ खाने से न तो इलाज होगा और न ही COVID-19, जब तक वे स्वच्छता के लिए तैयार नहीं होते हैं। [४२] इस दावे को व्यापक रूप से यूनिसेफ के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था, जिसने यह कहते हुए एक बयान दिया था कि उन्होंने ऐसा कोई दावा नहीं किया है: "ऐसे झूठ के रचनाकारों के लिए, हम एक सरल संदेश देते हैं: STOP। गलत जानकारी साझा करना और इसे लागू करने का प्रयास करना। ट्रस्ट की स्थिति में उन लोगों के नामों का गलत इस्तेमाल करके अधिकार खतरनाक और गलत है ”। [१३२]मांसदावा है कि शाकाहारी भारत में ऑनलाइन फैलने वाले कोरोनावायरस के प्रति प्रतिरक्षा हैं, जिसके कारण ट्विटर पर "#NoMeat_NoCoronaVirus" का चलन है। [१३३] मांस खाने से COVID-१ ९ प्रसार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है, सिवाय उन लोगों को छोड़कर, जहाँ जानवरों का वध होता है ( ज़ूनोसिस देखें ), अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के सामुदायिक चिकित्सा केंद्र (एम्स ) के प्रोफेसर आनंद कृष्णन ने कहा ) का है। [१३४] मत्स्य पालन, डेयरी और पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि अफवाह ने उद्योग को काफी प्रभावित किया है, एक चिकन की कीमत पूर्व-महामारी के स्तर के एक तिहाई तक गिर गई है। उन्होंने मांस आपूर्ति श्रृंखला की स्वच्छता में सुधार के प्रयासों का भी वर्णन किया। [१३५]Eating chicken will not cause COVID-19, as long as it is hygienically prepared and well-cooked.[42]DishesThere is no evidence that eating curry or rasam protects against COVID-19.ਕ ্র ਡ ি ਖ 19 [42]ExercisesTaking six deep breaths and then coughing while covering one's mouth was circulated as a treatment for COVID-19 infection in social media, including by celebrities such as J. K. Rowling.[136]Use of existing medications unproven against COVID-19In March 2020, the US President Donald Trump stated that chloroquine and hydroxychloroquine, two related anti-malarial drugs, had been approved by the US Food and Drugs Administration for treating COVID-19. The FDA later clarified that it has not approved any therapeutics or drugs to treat COVID-19, but that studies were underway to see if chloroquine could be effective in treatment of COVID-19.[137][138] Following the President's claim, panic buying of chloroquine was reported from many countries in Africa, Latin America and South Asia.[citation needed] Patients with lupus and rheumatoid arthritis, who take these medications regularly, have had trouble obtaining supplies.[139] Taking related products intended for aquarium use can cause serious illness and death.[1] Misusing hydroxychloroquine can cause serious side effects, illness, and death.[17]Rumours circulated in Iraq that the Iraqi pharmaceutical company PiONEER Co. had discovered a treatment for coronavirus. These reports were loosely based on a statement by PiONEER, which mentioned hydroxychloroquine sulphate, azithromycin, and zitroneer (its brand name[140] for the same azithromycin, a common antibiotic[141]) और कहा कि यह इन दवाओं को मुफ्त में उपलब्ध कराने की कोशिश करेगा। बयान में यह नहीं कहा गया है कि ये दवाएं COVID-19 को ठीक कर सकती हैं। कंपनी ने बाद में स्पष्ट किया कि उन्होंने COVID-19 के लिए एक इलाज खोजने का प्रयास नहीं किया था, और गलत तरीके से रिपोर्ट और गलत सूचना फैलाने के लिए समाचार मीडिया की आलोचना की, कहानी की जांच के बिना चल रहा है कि क्या उन्होंने कंपनी के बयान को गलत समझा था। दो दिन बाद, एक और झूठी कहानी व्यापक रूप से रिपोर्ट की गई, जिसमें कहा गया कि समारा , एक और इराकी दवा कंपनी, ने एक इलाज पाया था। [१४२] आम तौर पर, एंटीबायोटिक्स (जैसे एज़िथ्रोमाइसिन [१४१] ) वायरस के खिलाफ प्रभावी नहीं हैं, केवल कुछ बैक्टीरिया। [१४३]Azithromycin कभी-कभी COVID-19 के साथ अस्पताल में भर्ती मरीजों को दिया जाता है, लेकिन केवल बैक्टीरिया के सह-संक्रमण के इलाज के लिए । एज़िथ्रोमाइसिन के अति प्रयोग से एंटीबायोटिक प्रतिरोध होता है , और दुर्लभ दुष्प्रभावों में दिल के अतालता और श्रवण हानि शामिल हैं। [१४१] [१४४]यह भी दावा किया गया कि 30 वर्षीय भारतीय पाठ्यपुस्तक में एस्पिरिन, एंटी-हिस्टामाइन और नाक स्प्रे को COVID-19 के उपचार के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। पाठ्यपुस्तक वास्तव में वायरस के एक परिवार के रूप में सामान्य रूप से कोरोनाविरस का वर्णन करती है। [१४५]एक COVID-19 परीक्षण किट की तस्वीरें झूठे दावों के साथ परिचालित की गईं कि वे COVID-19 के खिलाफ एक टीके की थीं। [१४६]अप्रैल 2020 में यह भी दावा किया गया था कि फिलीपींस में एक एंटी-वायरल इंजेक्शन को इलाज के रूप में अनुमोदित किया गया था, और लॉकडाउन को हटा दिया जाएगा। [१४ these ] इन दावों को करने वाले व्यक्तियों को फिलीपीन एफडीए द्वारा एक संघर्ष विराम आदेश के साथ जारी किया गया था, जिन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए कि उन्हें सुरक्षित हैं उपचार का परीक्षण करने की आवश्यकता दोहराई। एफडीए ने कहा कि उन्हें एफडीए के साथ इलाज को पंजीकृत करने के लिए एक आवेदन भी नहीं मिला है। [१४ The ] [१४ of ] एजेंसी ने बिना दवा के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है, और क्लिनिक अवैध रूप से इसे बाद में बंद करने के लिए बढ़ावा दे रहा है। [१४ ९] [१५०]धोखाधड़ी विरोधी प्रयासOperation Pangea, launched by international police organisation Interpol, seized counterfeit facemasks, substandard hand sanitizers and unauthorized antiviral medication in over 90 countries, resulting in the arrest of 121 people.[151]जून 2020 में, यूनाइटेड स्टेट्स एनवायर्नमेंटल प्रोटेक्शन एजेंसी ने Amazon.com और eBay को तृतीय-पक्ष के सामान के बारे में COVID-19 को मारने का झूठा दावा करते हुए, प्रति बिक्री $ 20,288 तक का जुर्माना लगाने का दावा किया, भले ही दोनों कंपनियों ने पहले ही कुछ बना लिया हो ऐसे उत्पादों को हटाने के प्रयास। [83३]संदर्भ Office of the Commissioner (April 1, 2020). 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COVID-19 के खिलाफ अप्रमाणित विधियों की सूची मिसिंग इन हिंदी By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब Automatic translation इस विषय के व्यापक कवरेज के लिए, COVID-19 महामारी से संबंधित गलत सूचना देखें । कई नकली या अप्रमाणित चिकित्सा उत्पाद और विधियाँ हैं जो COVID -19 का निदान, रोकथाम या इलाज करने का दावा करते हैं । [१] COVID-१ ९ के लिए बेची जाने वाली नकली दवाइयों में वे तत्व शामिल नहीं हो सकते हैं जिनके वे होने का दावा करते हैं, और इनमें हानिकारक तत्व भी हो सकते हैं। [2] [1] [3] मार्च 2020, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एक बयान इलाज या इलाज करने की कोशिश में किसी भी दवा लेने के खिलाफ की सिफारिश जारी किया COVID -19, हालांकि संभावित उपचार पर अनुसंधान चल रहा था, सहित एकजुटता डब्ल्यूएचओ द्वारा परीक्षण किया गया। [४] डब्ल्यूएचओ ने सदस्य देशों से अनुरोध किया कि यदि कोई नकली दवाइयाँ या अन्य गलत उत्पाद खोजे गए तो उन्हें तुरंत सूचित किया जाए।[४] कई दावे यह भी हैं कि मौजूदा उत्पाद COVID-19 के खिलाफ मदद करते हैं, जो पारंपरिक विज्ञापन के बजाय ऑनलाइन अफवाहों के माध्यम से फैलते हैं।