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Google AdSense क्या है?By वनिता कासनियां पंजाबGoogle AdSense एक ऐसी सेवा है जो वेबमास्टरों को अपनी साइट पर विज्ञापन प्रदर्शित करने की अनुमति देती है। Google विज्ञापन प्रदान करता है और वेबमास्टर को भुगतान करता है जब उनकी साइट पर कोई विज़िटर किसी विज्ञापन पर क्लिक करता है।Google Adsense Kya Hai HindiGoogle Adsense एक विज्ञापन नेटवर्क है, जिसका अर्थ है कि यह विज्ञापनदाताओं को अपने नेटवर्क में अन्य साइटों पर विज्ञापन रखने का अवसर प्रदान करता है। जब कोई इन साझेदार साइटों में से किसी एक पर जाता है और इनमें से किसी एक विज्ञापन पर क्लिक करता है, तो विज्ञापनदाता इस क्लिक के लिए Google को भुगतान करता है। फिर Google उस पैसे का एक हिस्सा उस वेबमास्टर को देता है जिसने विज्ञापन दिया था।Impressions: ये रोज आपके ads कितनी बार देखे गए उसकी हिसाब से पैसे देता है. आप मान सकते है के ये हर 1000 view में $1 देता है.Clicks: ये depend करता है के आपके ads पर कितने clicks हुए.एक बार आपकी Adsense में account approve हो जाये तो आप अपने हिसाब से ads को look दे सकते है और ये भी decide कर सकते है के वो आपकी blog पे कहाँ दिखेगा. जब आपकी blog पे visitors आयेंगे और ads को देखेंगे और उसमे clicks करेंगे, तो आपकी earnings बढती जाएगी. एक बार ये $100 हो जाये तो आप उसे check के जरिये या फिर direct अपनी bank account में transfer कर सकते हैं.

Google AdSense क्या है? By  वनिता कासनियां पंजाब Google AdSense एक ऐसी सेवा है जो वेबमास्टरों को अपनी साइट पर विज्ञापन प्रदर्शित करने की अनुमति देती है। Google विज्ञापन प्रदान करता है और वेबमास्टर को भुगतान करता है जब उनकी साइट पर कोई विज़िटर किसी विज्ञापन पर क्लिक करता है। Google Adsense एक विज्ञापन नेटवर्क है, जिसका अर्थ है कि यह विज्ञापनदाताओं को अपने नेटवर्क में अन्य साइटों पर विज्ञापन रखने का अवसर प्रदान करता है। जब कोई इन साझेदार साइटों में से किसी एक पर जाता है और इनमें से किसी एक विज्ञापन पर क्लिक करता है, तो विज्ञापनदाता इस क्लिक के लिए Google को भुगतान करता है। फिर Google उस पैसे का एक हिस्सा उस वेबमास्टर को देता है जिसने विज्ञापन दिया था। Impressions : ये रोज आपके ads कितनी बार देखे गए उसकी हिसाब से पैसे देता है. आप मान सकते है के ये हर 1000 view में $1 देता है. Clicks : ये depend करता है के आपके ads पर कितने clicks हुए. एक बार आपकी Adsense में account approve हो जाये तो आप अपने हिसाब से ads को look दे सकते है और ये भी decide कर सकते है के वो आपकी blog पे कहाँ दिखेगा. जब आपक

बलुवाना न्यूज पंजाब By वनिता कासनियां पंजाब भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र (एनआरसीई) हिसार के विज्ञानियों ने कुछ समय पहले ही गुजरात के जूनागढ़ में स्थित सक्करबाग चिडिय़ाघर में शेरों को कोरोना की एंकोवेक्स वैक्सीन (पशुओं को कोविड-19 एंटी वैक्सीन) लगाई थीअब इस वैक्सीन की बूस्टर डोज लगने के बाद जानवरों के शरीर में बनी एंटीबाडी के परिणाम चौंकाने वाले आए हैं। जिन पांच जानवरों को चिडिय़ाघर प्रशासन ने उन्हें वैक्सीन लगाने के लिए दिया था उन सभी की कोविड-19 के प्रति प्रतिरोधक क्षमता काफी बढ़ गई। यह क्षमता मानक से भी अधिक पाई गई है। ऐसे में अगर दूसरे चिडिय़ाघर प्रशासन अपने यहां जानवरों को यह वैक्सीन लगवाते हैं तो उन्हें कोविड-19 के प्रति सुरक्षा मिल सकेगी।21 दिन पर लगाई गई थी बूस्टर डोजजानवरों को एंकोवेक्स वैक्सीन की पहली डोज के बाद 21 दिन बाद बूस्टर डोज दी गई। वैक्सीन के चक्र को अब 42 दिन हो चुके हैं। ऐसे में इस प्रक्रिया के तहत हर बार जिन जानवरों को वैक्सीन दी गई उनके खून की सैंपङ्क्षलग कर जांच की गई। जिसमें पाया कि जानवरों में बूस्टर डोज लगने के बाद इम्युनिटी मानक से भी अधिक बढ़ गई। इसके साथ ही डोज लगने के बाद अब यह जानवर पूरी तरह से सुरक्षित हैं। इस प्रक्रिया में विज्ञानियों ने तीन बार ब्लड टेस्ट किया। जिसमें सबसे पहले पहली डोज लगाने पर पहले, फिर 21 दिन में बूस्टर डोर लगाने से पहले इसके बाद 42 दिन पूरे होने पर रक्त की जांच की गई। ताकि पता लगाया जा सके कि वैक्सीन देने के बाद जानवरों में किस प्रकार का परिवर्तन हुआ है।डिमांड आने पर बनाएंगे डोजएनआरसीई के वरिष्ठ विज्ञानी डा नवीन बताते हैं कि हमारी बनाई वैक्सीन काफी अच्छा असर दिखा रहा है। एंटीबाडी भी जानवरों में काफी अच्छी बनी है। सामान्य तौर पर इंसानों में जब कोवैक्सीन लगाते हैं तो 16 टाइटर के आसपास एंटीबाडी बनती हैं। जब जानवरों में एंकोवैक्स वैक्सीन दी गई तो 64 टाइटर आया। जोकि काफी अच्छी एंटीबाडी को प्रदर्शित करता है। इस वैक्सीन को आगे भी जानवरों को दिया जाता है तो वह डिमांड आने पर और भी डोज बना सकते है। एक जानवर को दो डोज लगाई जाती है। एक वैक्सीन और दूसरी वैक्सीन की बूस्टर डोज है। कम उम्र के जानवरों में तो वैक्सीन ने काफी अच्छा परिणाम दिया है। डोज बनाने के लिए हम तैयार हैं।इन जानवरों को संक्रमित करता है कोरोना वायरसकोरोनावायरस (सार्स कोव-2) बिल्ली, कुत्ते, हिरण, शेर, बाघ और तेंदुए को संक्रमित करता है। इसके साथ ही मौत का कारण बन सकता है। भारत में शेरों में सार्स कोव-2 डेल्टा (मानव सार्स कोव-2 डेल्टा वेरिएंट के समान) संक्रमण की सूचना भी मिल चुकी है। पशु-से-पशु में इसके और साथ ही मनुष्यों में इसके संचरण को रोकने के लिए राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र द्वारा वैक्सीन विकसित की गई है।

बलुवाना न्यूज पंजाब By  वनिता कासनियां पंजाब  भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र (एनआरसीई) हिसार के विज्ञानियों ने कुछ समय पहले ही गुजरात के जूनागढ़ में स्थित सक्करबाग चिडिय़ाघर में शेरों को कोरोना की एंकोवेक्स वैक्सीन (पशुओं को कोविड-19 एंटी वैक्सीन) लगाई थीअब इस वैक्सीन की बूस्टर डोज लगने के बाद जानवरों के शरीर में बनी एंटीबाडी के परिणाम चौंकाने वाले आए हैं। जिन पांच जानवरों को चिडिय़ाघर प्रशासन ने उन्हें वैक्सीन लगाने के लिए दिया था उन सभी की कोविड-19 के प्रति प्रतिरोधक क्षमता काफी बढ़ गई। यह क्षमता मानक से भी अधिक पाई गई है। ऐसे में अगर दूसरे चिडिय़ाघर प्रशासन अपने यहां जानवरों को यह वैक्सीन लगवाते हैं तो उन्हें कोविड-19 के प्रति सुरक्षा मिल सकेगी।21 दिन पर लगाई गई थी बूस्टर डोजजानवरों को एंकोवेक्स वैक्सीन की पहली डोज के बाद 21 दिन बाद बूस्टर डोज दी गई। वैक्सीन के चक्र को अब 42 दिन हो चुके हैं। ऐसे में इस प्रक्रिया के तहत हर बार जिन जानवरों को वैक्सीन दी गई उनके खून की सैंपङ्क्षलग कर जांच की गई। जिसमें पाया कि जानवरों में बूस्टर डोज लगने के बाद इम

Corona Infection : पंजाब के सभी जिलों में फैला कोरोना संक्रमण, मोहाली में हालात खराबबलुवाना न्यूज By वनिता कासनियां पंजाब सारसूबे में 24 घंटे में 261 मिले संक्रमित, अकेले मोहाली में 62 मिले। 2.24 रिकॉर्ड हुई संक्रमण दर, तीन महीने में सबसे ज्यादा।पंजाब में बुधवार को कोरोना संक्रमण सभी जिलों में फैल गया। मोहाली जिले में हालात ज्यादा खराब हो गए हैं। 24 घंटे में सूबे में आए कुल 261 मामलों में सबसे ज्यादा मोहाली में 62 संक्रमित मिले हैं। राज्य की संक्रमण दर 2.24 पहुंच गए है। यह तीन महीने में सबसे ज्यादा संक्रमण दर रिकार्ड हुई है।पंजाब के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार कुल मिले 261 नए कोरोना संक्रमितों में सबसे अधिक मोहाली में 62, लुधियाना में 42, पटियाला में 26, बठिंडा में 24, एफजी साहिब, एसबीएस नगर में 13-13, फाजिल्का, जालंधर में 12-12, होशियारपुर में 9, अमृतसर, रोपड़ में 7-7, फिरोजपुर में 6, पठानकोट, संगरूर में 5-5, गुरदासपुर में 4, फरीदकोट, कपूरथला में 3-3, बरनाला, मानसा में 2-2 और चार अन्य जिलों में 1-1 नए मामले शामिल हैं। एक अप्रैल से अब तक 6258 लोगों में कोरोना की पुष्टि हो चुकी है। 40 संक्रमितों की मौत हो चुकी है।by TaboolaSponsored LinksVaricose Vein Treatment Might Be Cheaper Than You ThinkVaricose Vein Treatment PR | Search AdsLearn More1260 हुए सक्रिय मामलेपंजाब में चिंताजनक बात यह है कि यहां तेजी से एक्टिव केसों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 11 जून से अब तक सूबे में सक्रिय मामले बढ़कर 1260 पहुंच गए हैं। जबकि 11 जून को इन केसों की संख्या 235 रिकार्ड की गई थी।

Corona Infection : पंजाब के सभी जिलों में फैला कोरोना संक्रमण, मोहाली में हालात खराब बलुवाना न्यूज  By वनिता कासनियां पंजाब  सार सूबे में 24 घंटे में 261 मिले संक्रमित, अकेले मोहाली में 62 मिले। 2.24 रिकॉर्ड हुई संक्रमण दर, तीन महीने में सबसे ज्यादा। पंजाब में बुधवार को कोरोना संक्रमण सभी जिलों में फैल गया। मोहाली जिले में हालात ज्यादा खराब हो गए हैं। 24 घंटे में सूबे में आए कुल 261 मामलों में सबसे ज्यादा मोहाली में 62 संक्रमित मिले हैं। राज्य की संक्रमण दर 2.24 पहुंच गए है। यह तीन महीने में सबसे ज्यादा संक्रमण दर रिकार्ड हुई है। पंजाब के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार कुल मिले 261 नए कोरोना संक्रमितों में सबसे अधिक मोहाली में 62, लुधियाना में 42, पटियाला में 26, बठिंडा में 24, एफजी साहिब, एसबीएस नगर में 13-13, फाजिल्का, जालंधर में 12-12, होशियारपुर में 9, अमृतसर, रोपड़ में 7-7, फिरोजपुर में 6, पठानकोट, संगरूर में 5-5, गुरदासपुर में 4, फरीदकोट, कपूरथला में 3-3, बरनाला, मानसा में 2-2 और चार अन्य जिलों में 1-1 नए मामले शामिल हैं। एक अप्रैल से अब तक 6258 लोगों में कोरोना की पुष्टि

राजस्थान की ब्रेकिंग- कोविड के नए वेरियंट के नए लक्षण*बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम की अध्यक्ष श्रीमती वनिता कासनियां पंजाब* आपातकाल मीटिंग में हुए महत्वपूर्ण निर्णय, मुख्यमंत्री ने ली कैबिनेट की मीटिंग, चिकित्सा और स्वास्थ्य मंत्री रहे मौजूद। - प्रदेश में किसी भी प्रकार के धरना प्रदर्शन आगामी आदेश तक पूर्णतः प्रतिबंधित रहेंगे। किसी भी प्रकार के धरना प्रदर्शन की इजाज़त फिलहाल नही दी जाएगी। - कल से 50% क्षमता के साथ स्कूल खुलेंगे,6 दिन में से 3 दिन बच्चे स्कूल में पढ़ने जाएंगे। - स्कूलों और कॉलेजों की ऑनलाइन कक्षाएं फिर से शूरू कर रहे हैं।- बिना मास्क वालों पर चालानी कार्यवाही होगी, रोको-तोको अभियान फिर से शुरु किया जायेगा। - निजी संस्थानों में वैक्सीन के दोनों डोज लगे होने पर ही प्रवेश मिलेगा। - समस्त कार्यालय नई गाइडलाइन आने तक 100 प्रतिशत क्षमता के साथ खुले रहेंगे। - शादियों में अधिकतम दोनों पक्षो को मिलाकर कुल 200 लोग रहेंगे मौजूद।कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसलासीएम अशोक गलोत का बयानस्कूल 100 फीसद तादाद की जगह 50% तादाद के साथ ही संचालित होंगेस्कूल ऑन लाईन क्लास बंद नहीं करेंगे, ऑन लाईन क्लास जारी रहेंगीकल से लागू होगी नई व्यवस्था *नए वेरिएंट B.1.1.1.529 को OMICRON नाम दिया गया है,*----------------------------वायरस वापस आ गया है, इस बार अधिक ऊर्जा, रणनीति और छलावरण के साथ।इस बार हमें खांसी नहीं होगी, बुखार नहीं होगा, जोड़ों का दर्द नहीं होगा, बस कमजोरी होगी,भूख न लगना और कोविड निमोनिया होगा!बेशक, मृत्यु दर अधिक है, चरम पर पहुंचने में कम समय लगता है। कभी-कभी कोई लक्षण नहीं... आइए सावधान रहें...यह सीधे फेफड़ों को प्रभावित करता है, जिसका अर्थ है कि अवधि कम हो जाती है।बहुत से रोगियों को बिना बुखार के देखा है, लेकिन एक एक्स-रे रिपोर्ट में मध्यम छाती का निमोनिया दिखाई देता है!COVID19 के लिए अक्सर नेज़ल स्वैब नकारात्मक होता है!वायरस सीधे फेफड़ों में फैलता है जिससे वायरल निमोनिया के कारण तीव्र श्वसन संकट होता है! यह बताता है कि यह तीव्र और अधिक घातक क्यों हो गया है !!!सावधान रहें, भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें, फेस मास्क पहनें, बार-बार हाथ धोएं।*लहरें* पहले से ज्यादा घातक। इसलिए हमें बहुत सावधान रहना होगा और *हर सावधानी बरतनी होगी।* --------------------------इस जानकारी को अपने पास न रखें, इसे अपने परिवार और दोस्तों के साथ साझा करें।कृपया ध्यान रखें और सुरक्षित रहें!

राजस्थान की ब्रेकिंग- कोविड के नए वेरियंट के नए लक्षण *बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम की अध्यक्ष श्रीमती वनिता कासनियां पंजाब*  आपातकाल मीटिंग में हुए महत्वपूर्ण निर्णय, मुख्यमंत्री ने ली कैबिनेट की मीटिंग, चिकित्सा और स्वास्थ्य मंत्री रहे मौजूद।  - प्रदेश में किसी भी प्रकार के धरना प्रदर्शन आगामी आदेश तक पूर्णतः प्रतिबंधित रहेंगे। किसी भी प्रकार के धरना प्रदर्शन की इजाज़त फिलहाल नही दी जाएगी।  - कल से 50% क्षमता के साथ स्कूल खुलेंगे,6 दिन में से 3 दिन बच्चे स्कूल में पढ़ने जाएंगे।  - स्कूलों और कॉलेजों की ऑनलाइन कक्षाएं फिर से शूरू कर रहे हैं। - बिना मास्क वालों पर चालानी कार्यवाही होगी, रोको-तोको अभियान फिर से शुरु किया जायेगा।  - निजी संस्थानों में वैक्सीन के दोनों डोज लगे होने पर ही प्रवेश मिलेगा।  - समस्त कार्यालय नई गाइडलाइन आने तक 100 प्रतिशत क्षमता के साथ खुले रहेंगे।  - शादियों में अधिकतम दोनों पक्षो को मिलाकर कुल 200 लोग रहेंगे मौजूद। कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला सीएम अशोक गलोत का बयान स्कूल 100 फीसद तादाद की जगह 50% तादाद के साथ ही संचालित होंगे स्कूल

कोरोना से रिकवर हो रहे मरीजों को ब्लैक फंगस का खतरा ज्यादा, जानें लक्षण और बचाव By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब आपके लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि ब्लैक फंगस का खतरा सबसे ज्यादा किन लोगों को है, इसके लक्षण क्या है और इससे कैसे बचाव किया जा सकता है।कोरोना से रिकवर हो रहे मरीजों को ब्लैक फंगस का खतरा ज्यादा, जानें लक्षण और बचावImage Source : बाल वनिता महिला आश्रमजहां एक ओर लोग कोरोना वायरस से जूझ रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ कोरोना से रिकवर हो रहे मरीजों के लिए ब्लैक फंगस काल बनकर खड़ा है। ब्लैक फंगस को म्यूकोरमाइकोसिस भी कहते हैं। ब्लैक फंगस कितना खतरनाक है इसका अंदाजा आप इससे लगा सकते हैं कि हाल ही में मुंबई में ब्लैक फंगस से जूझ रहे 3 बच्चों को अपनी आंख गवानी पड़ी। खास बात है कि ब्लैक फंगस का कहर सिर्फ मुंबई में ही नहीं बल्कि देश के अलग-अलग हिस्सों में देखने को मिल रहा है। ऐसे में आपके लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि ब्लैक फंगस का खतरा सबसे ज्यादा किन लोगों को है, इसके लक्षण क्या है और इससे कैसे बचाव किया जा सकता है।इन लोगों को सबसे ज्यादा ब्लैक फंगस का खतराकोरोना से संक्रमित गंभीर मरीज जो ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैजो मरीज लंबे वक्त से स्टेरॉयड यूज कर रहे हैंडायबिटीज के मरीजजिन्हें कोई स्किन एलर्जी होकैंसर से ग्रसित मरीजकिसी अन्य पुरानी बीमारी से ग्रसित मरीज Image Source : बाल वनिता महिला आश्रमpeople with maskब्लैक फंगस के लक्षणअगर किसी व्यक्ति के नाक से खून बह रहा हो या फिर काले रंग का कुछ निकल रहा हो या फिर पपड़ी जमनाचेहरे का एक तरफ से सूज जानासिरदर्द होनानाक बंद हो जानाउल्टी आनाबुखार आनासीने में दर्द होनामुंह के ऊपरी हिस्से या फिर नाक में घाव होनाआंखों का लाल होनाआंखों की रोशनी कम हो जानाबारिश के मौसम में डाइट में शामिल करें ये चीजें, मिलेगी ग्लोइंग स्किन और बीमारियों से रहेंगे दूरब्लैक फंगस से ऐसे करें बचावबाल वनिता महिला आश्रम अगर इन लक्षणों में से एक भी लक्षण दिखें तो ईनएटी डॉक्टर से तुरंत संपर्क करेंकिसी भी कंस्ट्रक्शन साइट पर जाएं तो मास्क जरूर पहनेंमिट्टी से जुड़ा काम करते वक्त जूते, फूल स्वील टी- शर्ट और दस्ताने पहनेंबेवजह स्टेरॉयड लेने से बचेंशुगर पेशेंट ब्लड शुगर लेवल रोजाना चेक करें

कोरोना से रिकवर हो रहे मरीजों को ब्लैक फंगस का खतरा ज्यादा, जानें लक्षण और बचाव By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब आपके लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि ब्लैक फंगस का खतरा सबसे ज्यादा किन लोगों को है, इसके लक्षण क्या है और इससे कैसे बचाव किया जा सकता है। Image Source : बाल वनिता महिला आश्रम जहां एक ओर लोग कोरोना वायरस से जूझ रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ कोरोना से रिकवर हो रहे मरीजों के लिए ब्लैक फंगस काल बनकर खड़ा है। ब्लैक फंगस को म्यूकोरमाइकोसिस भी कहते हैं। ब्लैक फंगस कितना खतरनाक है इसका अंदाजा आप इससे लगा सकते हैं कि हाल ही में मुंबई में ब्लैक फंगस से जूझ रहे 3 बच्चों को अपनी आंख गवानी पड़ी। खास बात है कि ब्लैक फंगस का कहर सिर्फ मुंबई में ही नहीं बल्कि देश के अलग-अलग हिस्सों में देखने को मिल रहा है। ऐसे में आपके लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि ब्लैक फंगस का खतरा सबसे ज्यादा किन लोगों को है, इसके लक्षण क्या है और इससे कैसे बचाव किया जा सकता है। इन लोगों को सबसे ज्यादा ब्लैक फंगस का खतरा कोरोना से संक्रमित गंभीर मरीज जो ऑक्सीजन सपोर्ट पर है जो मरीज लंबे वक्त से स्टेरॉयड यूज कर रहे

बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम

Green Fungus: कोरोना से रिकवर हो रहे मरीजों पर ग्रीन फंगस का खतरा, जानें इसके लक्षण By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब T 1/10 कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने देश में कई समस्याएं खड़ी की हैं. इस बीच देश में ब्लैक फंगस, व्हाइट और येलो फंगस जैसे कई फंगल इंफेक्शन के केस सामने आ चुके हैं. लोग अब तक इन फंगल इंफेक्शन से उभर नहीं पाए हैं कि देश में पहली बार ग्रीन फंगस ने भी दस्तक दे दी है. Photo credit- pixabay 2/10 रिपोर्ट्स के अनुसार, मध्य प्रदेश के इंदौर में एक 34 वर्षिय कोविड- 19 से रिकवर हुए मरीज में ग्रीन फंगस इंफेक्शन का केस सामने आया है. एक वरिष्ठ चिकित्सक ने बताया कि मरीज में ग्रीन फंगस इंफेक्शन का पता लगने के तुरंत बाद उसे इलाज के लिए एयर एम्बुलेंस द्वारा मुंबई शिफ्ट किया गया है. Photo credit- pixabay 3/10 श्री अरबिंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (SAIMS) के चेस्ट रोग विभाग के प्रमुख डॉ रवि डोसी के मुताबिक, कोविड-19 से ठीक हुए व्यक्ति पर इसका परीक्षण किया गया था कि क्या उसमें ब्लैक फंगस (म्यूकोर्मिकोसिस) के संक्रमण का खतरा हो सकता है. इस परीक्षण के बाद मरीज में ब्लैक फंगस के

बाल वनिता महिला आश्रमहमारे चारों ओर हवा है और हम उसमें ही सांस लेते हैं, तो क्या ऐसा नहीं हो सकता कि हम उस हवा को सिलेंडर में भर लें? By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब जब हम सामान सामान्य वायुमंडलीय हवा को सांस के माध्यम से भीतर लेते हैं तो उसमें 20% के आसपास ऑक्सीजन रहता है लेकिन यह सारा ऑक्सीजन हमारे फेफड़े आत्मसात (यूटिलाइज) नहीं कर पाते हैं - शरीर के अंदर मात्र 5% ऑक्सीजन ही उपयोग[1] हो पाता है - गैस ब्लड एक्सचेंज प्रक्रिया द्वारा - जो bronchioles (ब्रोंकियोल्स ) और aleveoli ( अलवोलाय) के माध्यम से[2]शेष 15% ऑक्सीजन हम बाहर छोड़ देते हैं जिसमें कार्बन डाइऑक्साइड की भी कुछ मात्रा होती है लेकिन उसमें फिर भी काफी ऑक्सीजन रहता है। इसी कारण दिल का दौरा पड़ने से बचाने हेतु जो कार्डियोपलनरी resustication करते हैं तो उसमें मुंह से यह 15% वाला ऑक्सीजन दूसरे व्यक्ति के फेफड़े में भरते हैं जिससे उसे अतिरिक्त ऑक्सीजन मिलता है।अब सवाल उठता है कि कोविड-19 में ऐसा क्यों नहीं कर सकते हैं ?कोविड-19 का मरीज वायुमंडलीय हवा लेकर जिंदा क्यों नहीं रह पाता ?इसका कारण यह है कि कोविड-19 के कारण फेफड़े डैमेज हो जाते हैं क्षति ग्रस्त हो जाते हैं और उनकी सांस लेने की क्षमता और हवा के ऑक्सीजन को शरीर में आत्मसात करने की क्षमता भी घट जाती है। मान लीजिए किसी का फेफड़ा 50% डैमेज हो गया तो उसे 20 परसेंट गुने दो यानी 40% शुद्धता वाली हवा चाहिए। इसी तरह और ज्यादा डैमेज हो तो और ज्यादा शुद्धता वाली हवा चाहिए। जो मेडिकल ऑक्सीजन होता है उसमें 99% ऑक्सीजन होता है तो फिर फेफड़ा यदि 30%- 35% क्षमता से काम कर रही हो रहा हो तो भी शरीर की जरूरत के अनुसार ऑक्सीजन उसे उपलब्ध रहेगा। ऑक्सीजन सिलेंडर या पाइप लाइन से 99 प्रतिशत शुद्धता वाली ऑक्सीजन के अलावा घरेलू ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी इसी सिद्धांत पर काम करता है और 30 प्रतिशत से लेकर 95 परसेंट ऑक्सिजन वाली हवा उपलब्ध कराता है।तो आपके प्रश्न का संक्षेप में उत्तर यही है जब फेफड़े पूरी क्षमता से काम नहीं करते हैं तो अलग से ऑक्सीजन की जरूरत होती है और वायुमंडलीय ऑक्सीजन से काम नहीं चलता है।तो यदि वायुमंडल के हवा को यदि सिलेंडर में भर भी ले तो भी उस से काम नहीं चलेगा क्योंकि उसमें 20% ही ऑक्सीजन है ।जहां तक वायुमंडल की हवा से ऑक्सीजन अलग करने की बात है तो यह आप बिना ऑक्सीजन सेपरेटर के नहीं कर सकते हैं और जिसके लिए माइनस 190 -200 डिग्री सेंटीग्रेड तक हवा को ठंडा करना जरूरी है, स्पष्ट है ऐसा फैक्ट्री में ही हो सकता है , अन्य कहीं नहीं।साथ ही सिलेंडर में लिक्विड ऑक्सीजन रहता है जो कि 10 लीटर लीटर वाले सिलेंडर में तकरीबन दो किलोग्राम होता है जोकि 1250 लीटर ऑक्सिजन[3] देता है, लेकिन आप जब हवा भरेंगे तो यह मात्र 10 लीटर ही होगा जो कि मिनट भर के अंदर खत्म भी हो जाएगा।

बाल वनिता महिला आश्रम हमारे चारों ओर हवा है और हम उसमें ही सांस लेते हैं, तो क्या ऐसा नहीं हो सकता कि हम उस हवा को सिलेंडर में भर लें? By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब जब हम सामान सामान्य वायुमंडलीय हवा को सांस के माध्यम से भीतर लेते हैं तो उसमें 20% के आसपास ऑक्सीजन रहता है लेकिन यह सारा ऑक्सीजन हमारे फेफड़े आत्मसात (यूटिलाइज) नहीं कर पाते हैं - शरीर के अंदर मात्र 5% ऑक्सीजन ही उपयोग [1]  हो पाता है -  गैस ब्लड एक्सचेंज प्रक्रिया द्वारा - जो bronchioles (ब्रोंकियोल्स ) और aleveoli ( अलवोलाय) के माध्यम से [2] शेष 15% ऑक्सीजन हम बाहर छोड़ देते हैं जिसमें कार्बन डाइऑक्साइड की भी कुछ मात्रा होती है लेकिन उसमें फिर भी काफी ऑक्सीजन रहता है। इसी कारण दिल का दौरा पड़ने से बचाने हेतु जो कार्डियोपलनरी resustication करते हैं तो उसमें मुंह से यह 15% वाला ऑक्सीजन दूसरे व्यक्ति के फेफड़े में भरते हैं जिससे उसे अतिरिक्त ऑक्सीजन मिलता है। अब सवाल उठता है कि कोविड-19 में ऐसा क्यों नहीं कर सकते हैं ? कोविड-19 का मरीज वायुमंडलीय हवा लेकर जिंदा क्यों नहीं रह पाता ? इसका कारण यह है कि कोविड-19 के कारण फेफ