बाल वनिता महिला आश्रमहमारे चारों ओर हवा है और हम उसमें ही सांस लेते हैं, तो क्या ऐसा नहीं हो सकता कि हम उस हवा को सिलेंडर में भर लें? By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब जब हम सामान सामान्य वायुमंडलीय हवा को सांस के माध्यम से भीतर लेते हैं तो उसमें 20% के आसपास ऑक्सीजन रहता है लेकिन यह सारा ऑक्सीजन हमारे फेफड़े आत्मसात (यूटिलाइज) नहीं कर पाते हैं - शरीर के अंदर मात्र 5% ऑक्सीजन ही उपयोग[1] हो पाता है - गैस ब्लड एक्सचेंज प्रक्रिया द्वारा - जो bronchioles (ब्रोंकियोल्स ) और aleveoli ( अलवोलाय) के माध्यम से[2]शेष 15% ऑक्सीजन हम बाहर छोड़ देते हैं जिसमें कार्बन डाइऑक्साइड की भी कुछ मात्रा होती है लेकिन उसमें फिर भी काफी ऑक्सीजन रहता है। इसी कारण दिल का दौरा पड़ने से बचाने हेतु जो कार्डियोपलनरी resustication करते हैं तो उसमें मुंह से यह 15% वाला ऑक्सीजन दूसरे व्यक्ति के फेफड़े में भरते हैं जिससे उसे अतिरिक्त ऑक्सीजन मिलता है।अब सवाल उठता है कि कोविड-19 में ऐसा क्यों नहीं कर सकते हैं ?कोविड-19 का मरीज वायुमंडलीय हवा लेकर जिंदा क्यों नहीं रह पाता ?इसका कारण यह है कि कोविड-19 के कारण फेफड़े डैमेज हो जाते हैं क्षति ग्रस्त हो जाते हैं और उनकी सांस लेने की क्षमता और हवा के ऑक्सीजन को शरीर में आत्मसात करने की क्षमता भी घट जाती है। मान लीजिए किसी का फेफड़ा 50% डैमेज हो गया तो उसे 20 परसेंट गुने दो यानी 40% शुद्धता वाली हवा चाहिए। इसी तरह और ज्यादा डैमेज हो तो और ज्यादा शुद्धता वाली हवा चाहिए। जो मेडिकल ऑक्सीजन होता है उसमें 99% ऑक्सीजन होता है तो फिर फेफड़ा यदि 30%- 35% क्षमता से काम कर रही हो रहा हो तो भी शरीर की जरूरत के अनुसार ऑक्सीजन उसे उपलब्ध रहेगा। ऑक्सीजन सिलेंडर या पाइप लाइन से 99 प्रतिशत शुद्धता वाली ऑक्सीजन के अलावा घरेलू ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी इसी सिद्धांत पर काम करता है और 30 प्रतिशत से लेकर 95 परसेंट ऑक्सिजन वाली हवा उपलब्ध कराता है।तो आपके प्रश्न का संक्षेप में उत्तर यही है जब फेफड़े पूरी क्षमता से काम नहीं करते हैं तो अलग से ऑक्सीजन की जरूरत होती है और वायुमंडलीय ऑक्सीजन से काम नहीं चलता है।तो यदि वायुमंडल के हवा को यदि सिलेंडर में भर भी ले तो भी उस से काम नहीं चलेगा क्योंकि उसमें 20% ही ऑक्सीजन है ।जहां तक वायुमंडल की हवा से ऑक्सीजन अलग करने की बात है तो यह आप बिना ऑक्सीजन सेपरेटर के नहीं कर सकते हैं और जिसके लिए माइनस 190 -200 डिग्री सेंटीग्रेड तक हवा को ठंडा करना जरूरी है, स्पष्ट है ऐसा फैक्ट्री में ही हो सकता है , अन्य कहीं नहीं।साथ ही सिलेंडर में लिक्विड ऑक्सीजन रहता है जो कि 10 लीटर लीटर वाले सिलेंडर में तकरीबन दो किलोग्राम होता है जोकि 1250 लीटर ऑक्सिजन[3] देता है, लेकिन आप जब हवा भरेंगे तो यह मात्र 10 लीटर ही होगा जो कि मिनट भर के अंदर खत्म भी हो जाएगा।
जब हम सामान सामान्य वायुमंडलीय हवा को सांस के माध्यम से भीतर लेते हैं तो उसमें 20% के आसपास ऑक्सीजन रहता है लेकिन यह सारा ऑक्सीजन हमारे फेफड़े आत्मसात (यूटिलाइज) नहीं कर पाते हैं - शरीर के अंदर मात्र 5% ऑक्सीजन ही उपयोग[1] हो पाता है - गैस ब्लड एक्सचेंज प्रक्रिया द्वारा - जो bronchioles (ब्रोंकियोल्स ) और aleveoli ( अलवोलाय) के माध्यम से
शेष 15% ऑक्सीजन हम बाहर छोड़ देते हैं जिसमें कार्बन डाइऑक्साइड की भी कुछ मात्रा होती है लेकिन उसमें फिर भी काफी ऑक्सीजन रहता है। इसी कारण दिल का दौरा पड़ने से बचाने हेतु जो कार्डियोपलनरी resustication करते हैं तो उसमें मुंह से यह 15% वाला ऑक्सीजन दूसरे व्यक्ति के फेफड़े में भरते हैं जिससे उसे अतिरिक्त ऑक्सीजन मिलता है।
- अब सवाल उठता है कि कोविड-19 में ऐसा क्यों नहीं कर सकते हैं ?
- कोविड-19 का मरीज वायुमंडलीय हवा लेकर जिंदा क्यों नहीं रह पाता ?
इसका कारण यह है कि कोविड-19 के कारण फेफड़े डैमेज हो जाते हैं क्षति ग्रस्त हो जाते हैं और उनकी सांस लेने की क्षमता और हवा के ऑक्सीजन को शरीर में आत्मसात करने की क्षमता भी घट जाती है। मान लीजिए किसी का फेफड़ा 50% डैमेज हो गया तो उसे 20 परसेंट गुने दो यानी 40% शुद्धता वाली हवा चाहिए। इसी तरह और ज्यादा डैमेज हो तो और ज्यादा शुद्धता वाली हवा चाहिए। जो मेडिकल ऑक्सीजन होता है उसमें 99% ऑक्सीजन होता है तो फिर फेफड़ा यदि 30%- 35% क्षमता से काम कर रही हो रहा हो तो भी शरीर की जरूरत के अनुसार ऑक्सीजन उसे उपलब्ध रहेगा। ऑक्सीजन सिलेंडर या पाइप लाइन से 99 प्रतिशत शुद्धता वाली ऑक्सीजन के अलावा घरेलू ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी इसी सिद्धांत पर काम करता है और 30 प्रतिशत से लेकर 95 परसेंट ऑक्सिजन वाली हवा उपलब्ध कराता है।
तो आपके प्रश्न का संक्षेप में उत्तर यही है जब फेफड़े पूरी क्षमता से काम नहीं करते हैं तो अलग से ऑक्सीजन की जरूरत होती है और वायुमंडलीय ऑक्सीजन से काम नहीं चलता है।
तो यदि वायुमंडल के हवा को यदि सिलेंडर में भर भी ले तो भी उस से काम नहीं चलेगा क्योंकि उसमें 20% ही ऑक्सीजन है ।
जहां तक वायुमंडल की हवा से ऑक्सीजन अलग करने की बात है तो यह आप बिना ऑक्सीजन सेपरेटर के नहीं कर सकते हैं और जिसके लिए माइनस 190 -200 डिग्री सेंटीग्रेड तक हवा को ठंडा करना जरूरी है, स्पष्ट है ऐसा फैक्ट्री में ही हो सकता है , अन्य कहीं नहीं।
साथ ही सिलेंडर में लिक्विड ऑक्सीजन रहता है जो कि 10 लीटर लीटर वाले सिलेंडर में तकरीबन दो किलोग्राम होता है जोकि 1250 लीटर ऑक्सिजन[3] देता है, लेकिन आप जब हवा भरेंगे तो यह मात्र 10 लीटर ही होगा जो कि मिनट भर के अंदर खत्म भी हो जाएगा।
Comments
Post a Comment