कोविड-19 से ठीक होने वाले मरीजों में एक बड़ी समस्या उनको होने वाला एक दुर्लभ ब्लैक फंगल इंफेक्शन म्यूकोर्माइकोसिस है by समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब, ये अंधापन, शरीर के अंगो में खिंचाव पैदा करना, बॉडी सेल्स को नुकसान पहुंचाना और यहां तक कि मृत्यु का कारण बनता है। डॉक्टरों के अनुसार, अगर समय पर इसका सही इलाज नहीं हो पाया तो ये खतरनाक रूप ले लेता है। शहरों में ऐसे मामलों में धीरे-धीरे वृद्धि देखने को मिल रही है। इस प्रकार का एक मामला धुले निवासी शैला सोनार के साथ हुआ, जिनको 1 अगस्त को कोविड -19 का पता चला था। 15 दिनों तक वायरस से लड़ने के बाद वे इससे सफलतापूर्वक उबरीं, लेकिन जल्द ही, उन्होंने अपने मुंह में दर्द की शिकायत की और सूजन की बात बताई, जिसके बाद उन्होंने एक स्थानीय चिकित्सक से इलाज करवाया लेकिन जब उसकी हालत बिगड़ गई, तो दिसंबर में परिवार ने एम्बुलेंस बुलाई और 1 दिसंबर को उनको मुंबई के ग्लोबल अस्पताल, परेल में भर्ती कराया।जहां उनको पता चला कि उन्हे 'सिनोनसाल म्यूकोर्माइकोसिस' है और उनकी जिदंगी बचाने का सिर्फ एक विकल्प सर्जरी ही है। 'उनके मुंह के अंदर फंगल इंफेक्शन फैल गया था जिसने उनके तालू को इंन्फेक्टेड कर दिया था। अस्पताल के वरिष्ठ परामर्शदाता ईएनटी सर्जन डॉ मिलिंद नवलखे ने बताया कि संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए, आंशिक रूप से तालू को हटाना पड़ा, नहीं तो ये इंफेक्शन मरीज के मस्तिष्क तक पहुंच सकता था जहां वो और ज्यादा घातक हो सकता था। मरीज की 20 वर्षीय बेटी साक्षी ने कहा, हालांकि, इस सर्जरी के कारण उसका चेहरा खराब हो गया है और उनको अब कुछ सालों के बाद प्लास्टिक सर्जरी की आवश्यकता होगी। हमने कभी नहीं सोचा था कि एक फंगल इंफेक्शन मेरी मां को इस तरह के नुकसान पहुंचा सकता है, हालांकि वो पूरी तरह से ठीक हो गई हैं, फिर भी उनको बात करने में समस्या है, उनका उच्चारण स्पष्ट नहीं है। सोनार का मामला भी इससे अलग नहीं है, नानावती अस्पताल के ईएनटी के सीनियर परामर्शदाता डॉ अमोल पाटिल को साइनस से संक्रमित 30 साल के मरीज की आंख को निकालना पड़ा था। एक स्मॉल एयर पॉकेट उनके माथे, नाक और गाल की हड्डी के पीछे और आंख के बीच में स्थित था, बाद में, डॉक्टरों ने उनकी आंख को वापस प्रत्यारोपित किया। जिन रोगियों में पहले से ही कोई दूसरी बीमारियां हैं जैसे मधुमेह, वे इस संक्रमण के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं। डॉ नवलखे ने कहा, 'म्यूकोर्माइकोसिस' एक फंगल रोग है जो आमतौर पर एक कम्प्रोमाइज़ इम्युन स्टेटस वाले पेशेंट में होता है। पिछले तीन महीनों के अंदर लगभग 50 कोविड-19 से संक्रमितों में कम प्रतिरक्षा वाले रोगियों का पता चला और मधुमेह या स्टेरॉयड जैसी स्थितियों में फंगल इंफेक्शन का पता लगाया गया। ये ठंड की वजह से नाक ब्लॉक की तुलना में काफी अलग लक्षण पैदा नहीं करता है। शुरूआत में नाक और तालू के अंदर काला रंग फैलने जैसा होने लगता है, इसलिए, इस पर किसी का इस पर ज्यादा ध्यान नहीं जाता, जब तक रोगियों को ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ती है तब तक ये पहले से ही एडवांस स्टेज में पहुंच चुका होता है, जिसे सिनोनसल म्यूकोर्मोसिस कहते है। इसको जल्द डाइग्नोस करने के लिए ग्लोबल हॉस्पिटल ने हाल ही में मुंबई का पहला म्यूकोर्मोसिस क्लिनिक लॉन्च किया है।One of the major problems in patients recovering from Kovid-19 is a rare black fungal infection mucormycosis caused by them by social worker Vanita Kasani Punjab, blindness, causing stretch in body parts, damage to body cells and even Causes death. According to doctors, if it is not treated properly on time, it takes dangerous form. There is a gradual increase in such cases in cities. One such case happened with Dhule resident Shaila Sonar, who was detected with Kovid-19 on 1 August. She successfully recovered after fighting the virus for 15 days, but soon, she complained of pain in her mouth and reported swelling, after which she underwent treatment at a local doctor but when her condition worsened, in December The family called an ambulance and admitted him to Mumbai's Global Hospital, Parel, on 1 December, where he came to know that he had 'sinonasal mucormycosis' and surgery was the only option to save his life. 'There was a fungal infection inside his mouth which infected his palate. The hospital's senior consultant ENT surgeon Dr. Milind Navalkhe said that to prevent the spread of infection, the palate had to be partially removed, otherwise the infection could reach the patient's brain where it could become more fatal. However, the patient's 20-year-old daughter Sakshi said, however, that her face has deteriorated due to this surgery and she will now need plastic surgery after a few years. We never thought that a fungal infection could cause such harm to my mother, although she has recovered completely, yet she has problems talking, her pronunciation is unclear. Sonar's case is no different, Dr. Amol Patil, Senior Consultant, ENT, Nanavati Hospital, had to remove the eye of a 30-year-old sinus-infected patient. A small air pocket was located on the back of his forehead, nose and cheekbone and between the eyes, later, doctors implanted his eye back. Patients who already have other diseases such as diabetes are susceptible to this infection. Dr. Navalkhe said, 'Mucormycosis' is a fungal disease that usually occurs in a patient with a compromised immune status. Within the last three months, about 50 Kovid-19 infected patients were diagnosed with low immunity and fungal infections were detected in conditions such as diabetes or steroids. It does not produce significantly different symptoms than a nasal block due to cold. Initially black color starts to spread inside the nose and palate, therefore, it does not get much attention on it, by the time the patients need treatment, it has already reached the advanced stage. , Which is called sinonasal mucormosis. To diagnose this soon, Global Hospital has recently launched the first Mucormosis Clinic in Mumbai.,
कोविड-19 से ठीक होने वाले मरीजों में एक बड़ी समस्या उनको होने वाला एक दुर्लभ ब्लैक फंगल इंफेक्शन म्यूकोर्माइकोसिस है by समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब, ये अंधापन, शरीर के अंगो में खिंचाव पैदा करना, बॉडी सेल्स को नुकसान पहुंचाना और यहां तक कि मृत्यु का कारण बनता है। डॉक्टरों के अनुसार, अगर समय पर इसका सही इलाज नहीं हो पाया तो ये खतरनाक रूप ले लेता है। शहरों में ऐसे मामलों में धीरे-धीरे वृद्धि देखने को मिल रही है।
इस प्रकार का एक मामला धुले निवासी शैला सोनार के साथ हुआ, जिनको 1 अगस्त को कोविड -19 का पता चला था। 15 दिनों तक वायरस से लड़ने के बाद वे इससे सफलतापूर्वक उबरीं, लेकिन जल्द ही, उन्होंने अपने मुंह में दर्द की शिकायत की और सूजन की बात बताई, जिसके बाद उन्होंने एक स्थानीय चिकित्सक से इलाज करवाया लेकिन जब उसकी हालत बिगड़ गई, तो दिसंबर में परिवार ने एम्बुलेंस बुलाई और 1 दिसंबर को उनको मुंबई के ग्लोबल अस्पताल, परेल में भर्ती कराया।जहां उनको पता चला कि उन्हे 'सिनोनसाल म्यूकोर्माइकोसिस' है और उनकी जिदंगी बचाने का सिर्फ एक विकल्प सर्जरी ही है। 'उनके मुंह के अंदर फंगल इंफेक्शन फैल गया था जिसने उनके तालू को इंन्फेक्टेड कर दिया था। अस्पताल के वरिष्ठ परामर्शदाता ईएनटी सर्जन डॉ मिलिंद नवलखे ने बताया कि संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए, आंशिक रूप से तालू को हटाना पड़ा, नहीं तो ये इंफेक्शन मरीज के मस्तिष्क तक पहुंच सकता था जहां वो और ज्यादा घातक हो सकता था।
मरीज की 20 वर्षीय बेटी साक्षी ने कहा, हालांकि, इस सर्जरी के कारण उसका चेहरा खराब हो गया है और उनको अब कुछ सालों के बाद प्लास्टिक सर्जरी की आवश्यकता होगी। हमने कभी नहीं सोचा था कि एक फंगल इंफेक्शन मेरी मां को इस तरह के नुकसान पहुंचा सकता है, हालांकि वो पूरी तरह से ठीक हो गई हैं, फिर भी उनको बात करने में समस्या है, उनका उच्चारण स्पष्ट नहीं है।
सोनार का मामला भी इससे अलग नहीं है, नानावती अस्पताल के ईएनटी के सीनियर परामर्शदाता डॉ अमोल पाटिल को साइनस से संक्रमित 30 साल के मरीज की आंख को निकालना पड़ा था। एक स्मॉल एयर पॉकेट उनके माथे, नाक और गाल की हड्डी के पीछे और आंख के बीच में स्थित था, बाद में, डॉक्टरों ने उनकी आंख को वापस प्रत्यारोपित किया। जिन रोगियों में पहले से ही कोई दूसरी बीमारियां हैं जैसे मधुमेह, वे इस संक्रमण के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं। डॉ नवलखे ने कहा, 'म्यूकोर्माइकोसिस' एक फंगल रोग है जो आमतौर पर एक कम्प्रोमाइज़ इम्युन स्टेटस वाले पेशेंट में होता है। पिछले तीन महीनों के अंदर लगभग 50 कोविड-19 से संक्रमितों में कम प्रतिरक्षा वाले रोगियों का पता चला और मधुमेह या स्टेरॉयड जैसी स्थितियों में फंगल इंफेक्शन का पता लगाया गया।
ये ठंड की वजह से नाक ब्लॉक की तुलना में काफी अलग लक्षण पैदा नहीं करता है। शुरूआत में नाक और तालू के अंदर काला रंग फैलने जैसा होने लगता है, इसलिए, इस पर किसी का इस पर ज्यादा ध्यान नहीं जाता, जब तक रोगियों को ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ती है तब तक ये पहले से ही एडवांस स्टेज में पहुंच चुका होता है, जिसे सिनोनसल म्यूकोर्मोसिस कहते है। इसको जल्द डाइग्नोस करने के लिए ग्लोबल हॉस्पिटल ने हाल ही में मुंबई का पहला म्यूकोर्मोसिस क्लिनिक लॉन्च किया है।One of the major problems in patients recovering from Kovid-19 is a rare black fungal infection mucormycosis caused by them by social worker Vanita Kasani Punjab, blindness, causing stretch in body parts, damage to body cells and even Causes death. According to doctors, if it is not treated properly on time, it takes dangerous form. There is a gradual increase in such cases in cities.
One such case happened with Dhule resident Shaila Sonar, who was detected with Kovid-19 on 1 August. She successfully recovered after fighting the virus for 15 days, but soon, she complained of pain in her mouth and reported swelling, after which she underwent treatment at a local doctor but when her condition worsened, in December The family called an ambulance and admitted him to Mumbai's Global Hospital, Parel, on 1 December, where he came to know that he had 'sinonasal mucormycosis' and surgery was the only option to save his life. 'There was a fungal infection inside his mouth which infected his palate. The hospital's senior consultant ENT surgeon Dr. Milind Navalkhe said that to prevent the spread of infection, the palate had to be partially removed, otherwise the infection could reach the patient's brain where it could become more fatal.
However, the patient's 20-year-old daughter Sakshi said, however, that her face has deteriorated due to this surgery and she will now need plastic surgery after a few years. We never thought that a fungal infection could cause such harm to my mother, although she has recovered completely, yet she has problems talking, her pronunciation is unclear.
Sonar's case is no different, Dr. Amol Patil, Senior Consultant, ENT, Nanavati Hospital, had to remove the eye of a 30-year-old sinus-infected patient. A small air pocket was located on the back of his forehead, nose and cheekbone and between the eyes, later, doctors implanted his eye back. Patients who already have other diseases such as diabetes are susceptible to this infection. Dr. Navalkhe said, 'Mucormycosis' is a fungal disease that usually occurs in a patient with a compromised immune status. Within the last three months, about 50 Kovid-19 infected patients were diagnosed with low immunity and fungal infections were detected in conditions such as diabetes or steroids.
It does not produce significantly different symptoms than a nasal block due to cold. Initially black color starts to spread inside the nose and palate, therefore, it does not get much attention on it, by the time the patients need treatment, it has already reached the advanced stage. , Which is called sinonasal mucormosis. To diagnose this soon, Global Hospital has recently launched the first Mucormosis Clinic in Mumbai.
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